नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम के लिए मंगलवार की रात मुश्किल भरी है। उनके ऊपर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है, और वह इससे बचने की जुगत में हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी, और अब जेल या बेल की गेंद सर्वोच्च न्यायालय के पाले में है, जहां सुबह सुनवाई होनी है। इस बीच, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों की टीमें चिदंबरम के घर पहुंचीं, लेकिन वह वहां नहीं मिले। दोनों टीमें उनके घर से वापस लौट गईं, लेकिन उनके इरादे नहीं बदले हैं। ज्यादा संभावना है कि आज रात चिदंबरम गिरफ्तारी से बच जाएं, और उनकी गिरफ्तारी पर फैसला सुबह सुप्रीम कोर्ट में ही होगा। हालांकि देर रात एक बार फिर सीबीआई की टीम चिदंबरम के घर पहुंची और दो घंटे के अंदर सीबीआई के समक्ष पेश होने का नोटिस चिपका दिया।
आईएनक्स मीडिया मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए चिदंबरम ने दिल्ली उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी। लेकिन न्यायालय ने उनकी याचिका खारिज कर दी। न्यायमूर्ति सुनील गौड़ ने कहा कि इस मामले में जो सबूत अदालत के समक्ष पेश किए गए हैं, उनसे प्रथमदृष्ट्या साबित होता है कि याचिकाकर्ता इस मामले (आईएनएक्स) का मुख्य साजिशकर्ता है।
अदालत ने कहा कि चिदंबरम भले ही पूर्व वित्तमंत्री और मौजूदा सांसद हैं, लेकिन यह जरूरी नहीं कि अहम पद पर बैठकर गलती नहीं की जा सकती। इसलिए यह जरूरी है कि याचिकाकर्ता को हिरासत में लेकर पूछताछ की जाए।
उच्च न्यायालय के इस फैसले के बाद चिदंबरम के पास गिरफ्तारी से बचने के लिए अब सिर्फ सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा ही बचा। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय दरवाजा खटखटाया और तत्काल सुनवाई की मांग की। न्यायालय बुधवार सुबह याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया है। संभावना है कि सुबह 10.30 बजे याचिका पर सुनवाई होगी।
लेकिन इस बीच जांच एजेंसियां (सीबीआई और ईडी) कांग्रेस नेता को गिरफ्तार करने उनके घर पहुंचीं, लेकिन चिदंबरम घर पर नहीं मिले। सीबीआई की टीम शाम 6.30 बजे उनके आवास पहुंची और उनके घर पर नहीं मिलने पर 10 मिनट बाद वापस लौट गई। इसके बाद ईडी की टीम 7.30 बजे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता के घर पहुंची।
चूंकि सर्वोच्च न्यायालय चिदंबरम की याचिका पर बुधवार सुबह सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया है, लिहाजा जांच एजेंसियां भी अब सुबह सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने तक इंतजार करेंगी और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए रातभर छापे नहीं मारेंगी।
दअसल, सीबीआई आईएनएक्स मीडिया मामले में चिदंबरम की भूमिका की जांच कर रही है। जांच एजेंसी ने यह मामला 15 मई, 2017 को दर्ज किया गया था। चिदंबरम पर आरोप है कि वित्तमंत्री रहने के दौरान उन्होंने 2007 में 305 करोड़ रुपये का विदेशी फंड प्राप्त करने के लिए आईएनएक्स मीडिया समूह को एफआईपीबी मंजूरी देने में अनियमितता बरती थी। ईडी ने काले धन को सफेद बनाने (मनी लॉन्डरिंग) को लेकर उनके ऊपर 2018 में मामला दर्ज किया था।