नयी दिल्ली: मुंबई में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कर्मचारी उस वक्त हैरत में पड़ गये जब उन्हें मुंबई के एक व्यक्ति के नाम पर बना इंटरपोल एजेंट का नकली पहचान पत्र मिला। जांच एजेंसी संदिग्ध कंपनियों के खिलाफ अपने देशव्यापी अभियान के तहत वहां छापेमारी कर रही थी।
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एजेंसी को यह आईडी व्यक्ति के लैपटॉप से मिला जिस पर इंटरपोल पुलिस संगठन का आधिकारिक लोगो प्रतिरूपित किया गया था और उस पर इंटरपोल इंटरनेशनल पुलिस लिखा था।
इसके अनुसार यह नकली आईडी चेतन शाह के नाम बना था जिसमें उसकी पहचान स्पेशल एजेंट, एंटी-टेररिज्म डिवीजन, डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टिगेशंस के तौर पर बतायी गयी थी।
अंतिम जानकारी मिलने तक ईडी की टीम कोलकाता, मुंबई, अहमदाबाद, पणजी, कोच्चि, बेंगलूरू, हैदराबाद, दिल्ली, लखनउ, पटना, जयपुर, चंडीगढ़, जालंधर, श्रीनगर, इंदौर और कुछ हरियाणा में कुल मिलाकर 110 ठिकानों पर पहुंची है।
एजेंसी ने कहा है कि उसने मुंबई स्थित आपरेटर के ठिकानों की तलाशी ली जो कि 700 मुखौटा कंपनियों को चलाता है जिसमें 20 नकली निदेशक हैं और इन कंपनियों ने महाराष्ट्र के जेल में बंद पूर्व उप-मुख्यमंत्री छगन भुजबल के लिये 46.7 करोड़ रुपये को कथित तौर पर काले से सफेद में बदला है।
ईडी का यह देशव्यापी अभियान प्रधानमंत्री कार्यालय के हाल के निर्देश का हिस्सा था। इस निर्देश में इन कथित मुखौटा कंपनियों के अवैध कारोबार का पता लगाना था। इस केन्द्रीय एजेंसी के कुल मिलाकर 800 अधिकारी और अन्य कर्मचारी हैं। आज इसका समूचा स्टाफ करीब करीब बाहर था और उसने इन मुखौटा कंपनियों के खिलाफ इस बड़े अभियान को अंजाम दिया।