नई दिल्ली: सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में किसानों की ‘‘ट्रैक्टर परेड’’ के हिंसक रूप धारण कर लेने के चलते दिल्ली-एनसीआर के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवा निलंबित करने का मंगलवार को आदेश जारी किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। इंटरनेट सेवाएं दिल्ली के सिंघू, गाजीपुर, टीकरी, मुकरबा चौक, नांगलोई और उनसे लगे इलाकों में मध्य रात्रि तक बंद रहेंगी।
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया गया है कि भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम,1855 की धारा सात द्वारा प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए यह निर्णय लिया गया है। मंत्रालय ने कहा कि जन सुरक्षा व्यवस्था कायम रखने के लिए और जन आपात स्थिति को टालने के लिए इंटरनेट सेवाएं निलंबित करना आवश्यक था। गृह मंत्रालय ने कहा कि यह आदेश 26 जनवरी को दोपहर 12 बजे से रात 11 बज कर 59 मिनट तक प्रभावी रहेगा।
किसानों के प्रदर्शन स्थलों के नजदीक के इलाकों में रहने वाले लोगों ने बताया कि उनके इलाके में इंटरनेट सेवा निलंबित होने के बारे में सूचना देने के लिए उनके मोबाइल पर ‘एसएमएस’ (संदेश) आ रहे हैं। एक दूरसंचार कंपनी द्वारा भेजे गये एसएमएस में कहा गया है, ‘‘सरकार के निर्देशों के मुताबिक, इंटरनेट सेवाएं आपके इलाके में अस्थायी रूप से बंद कर दी गई है, जिसके चलते आप इन सेवाओं का उपयोग नहीं कर पाएंगे। सरकार से निर्देश प्राप्त होने के बाद आप इंटरनेट सेवाओं का उपयोग कर पाएंगे।’’ इसबीच, गृह मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि दिल्ली में ‘रैपिड एक्शन फोर्स’ (आरएएफ) के कर्मियों को नये सिरे से तैनात किया गया है और उभरती परिस्थिति के मद्देनजर निगरानी बढ़ा दी गई है।
गौरतलब है कि लाठी-डंडे, राष्ट्रीय ध्वज एवं किसान यूनियनों के झंडे लिये और ट्रैक्टरों पर सवार हजारों किसानों ने मंगलवार को गणतंत्र दिवस पर अवरोधकों को तोड़ दिया और पुलिस के साथ उनकी झड़प भी हुई। वे विभिन्न सीमाओं से राष्ट्रीय राजधानी में दाखिल हुए। किसानों का एक समूह लालकिले में प्रवेश कर गया और एक युवक को लालकिले में ध्वज-स्तंभ पर एक त्रिकोण आकार का पीले रंग का झंडा फहराते देखा गया। इसी ध्वज-स्तंभ पर देश के स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान झंडा फहराया जाता है। हालांकि, बाद में प्रदर्शनकारियों को लाल किले के परिसर से हटा दिया गया। इसबीच, किसान संघों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा में शामिल लोगों से खुद को अलग कर लिया और आरोप लगाया कि कुछ ‘‘ असामाजिक तत्व घुस गये हैं, अन्यथा आंदोलन शांतिपूर्ण था।’’