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पीएम मोदी की सलाह-नाइट कर्फ्यू को कोरोना कर्फ्यू का नाम दें

देश में कोरोना वायरस ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है। हालात को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बीर फिर गुरुवार 8 अप्रैल को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक की। बैठक में देश में कोरोना महामारी की स्थिति की समीक्षा और संक्रमण को फैलने से रोकने की रणनीति पर चर्चा हुई।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : April 08, 2021 20:33 IST
Instead of calling it a night curfew we should call it Corona Curfew, says PM Modi
Image Source : PTI देश में कोरोना वायरस ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है।

नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है। हालात को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बीर फिर गुरुवार 8 अप्रैल को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक की। बैठक में देश में कोरोना महामारी की स्थिति की समीक्षा और संक्रमण को फैलने से रोकने की रणनीति पर चर्चा हुई। इस दौरान पीएम मोदी ने नाइट कर्फ्यू को प्रभावी बताते हुए राज्यों को सलाह दी कि इसे कोरोना कर्फ्यू के तौर पर लागू करना चाहिए। इससे लोगों में जागरूकता बढ़ेगी। मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक के बाद पीएम मोदी ने कहा दुनिया भर में नाइट कर्फ्यू का प्रयोग सफल रहा है। 

बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र जैसे कई राज्यों मे कोरोना की दूसरी लहर पहली लहर के पीक को भी पार कर चुकी है। उन्होंने कहा कि केस बढ़ने की एक बड़ी वजह यह है कि लोग अब लापरवाह हो गए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए फिर से युद्धस्तर पर प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि लोग बहुत बेफिक्र हो गए हैं। प्रशासन भी बहुत सुस्त नजर आ रहा है। एक बार फिर हालात चुनौतीपूर्ण हो रहे हैं। इस बार खतरा पहले से ज्यादा है।

पीएम मोदी ने सलाह दी कि माइक्रो कंटेनमेंट जोन पर ज्यादा जोर देना चाहिए, शहर में छोटे-छोटे कंटेनमेंट जोन बनें, पूरा फोकस माइक्रो कंटनमेंट जोन पर होना चाहिए। राज्यों के सीएम से पीएम मोदी ने अपील करते हुए कहा कि अगले 2-3 हफ्ते बहुत सख्ती करनी होगी। पहले संसाधन नहीं थे फिर भी सफलता मिली, अभी संसाधन ज्यादा हैं लेकिन लापरवाही भी ज्यादा हो रही है।

उन्होंने कहा, "वैक्सीन से ज्यादा चर्चा टेस्टिंग की कीजिए, वायरस तभी रुकेगा जब मरीज की सही पहचान होगी। हर राज्य को टेस्टिंग और ट्रैकिंग बढ़ानी होगी। टेस्टिंग में लापरवाही हो रही है, सैंपल सही तरीके से लेना चाहिए, हर राज्य RT-PCR टेस्ट बढ़ाए। कोरोना ऐसी चीज है जिसे जबतक आप बाहर से लेकर नहीं आएंगे, तबतक वह नहीं आएगा। इसलिए टेस्टिंग और ट्रेसिंग बढ़ाने की जरूरत है।"

बता दें कि भारत में एक दिन में कोविड-19 के 1,26,789 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की कुल संख्या 1,29,28,574 हो गई है। वहीं, उपचाराधीन मामले भी नौ लाख के पार चले गए हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, देश में वायरस से 685 और मरीजों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 1,66,862 हो गई। देश में लगातार 29 दिनों से नए मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। इसके साथ ही उपचाराधीन मामले भी बढ़कर 9,10,319 हो गए हैं, जो कुल मामलों का 7.04 प्रतिशत है। देश में 12 फरवरी को सबसे कम 1,35,926 उपचाराधीन मरीज थे। यह संख्या उस समय के कुल मामलों का 1.25 प्रतिशत थी। 

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