नई दिल्ली: दिल्ली में चाइनीज मांजे से जहां एक शख्स की मौत और कुछ लोग घायल हुए है इनके साथ इस चाइनीज मांजे की वजह से मासूम परिंदे भी इसका शिकार हुए है। दिल्ली के चांदनी चौक का चैरिटी बर्ड्स अस्पताल जिसकी शुरुआत 1913 में हुई और जो दिल्ली का इकलौता निशुल्क अस्पताल जहां हर नस्ल के पक्षियों का इलाज किया जाता है।
इस अस्पताल में रोजाना करीब 70 से 80 पक्षियों को इलाज के लिए लाया जाता है। दिल्ली के खुले आसमान में उड़ रहे इन परिंदों पर चाइनीज मांझा कहर बनकर टूटा है। 13, 14 और 15 अगस्त इन तीन दिनों में चाईनीज मांझे की चपेट में आने से करीब 550 पक्षी घायल हो गए। जिन्हें इस अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया था। और सबसे चौंकाने वाला आंकड़ा है इन तीन दिनों में करीब 200 पक्षियों की चाइनीज मांझे की चपेट में आने से मौत हो गई।
अस्पताल में बेजुबान परिंदों का इलाज कर रहे दो डॉक्टरों के मुताबिक पिछले साल के मुकाबले इस साल 15 अगस्त के मौके पर चाईनीज मांझे का शिकार ज्यादा पक्षी हुए है। जिसमें तोता, मैना, कबूतर, चील, और दूसरे पक्षी शामिल है। ज्यादातर मामलों में इस बेजुबान पक्षियों की गर्दन और पंख मांझे की चपेट में आए। सेंकड़ो ऐसे पक्षी भी है जो अब कभी खुले आसमान में उड़ भी नही पाएंगे।
दिल्ली के इस इकलौता चैरिटी बर्ड्स अस्पताल के कर्ताधर्ता सुनील कुमार जैन के मुताबिक केवल 15 अगस्त के दिन ही करीब 60 से ज्यादा पक्षियों की चाइनीज मांझे की चपेट में आने से दर्दनाक मौत हो गई। सवाल ये है आखिर बैन के बाद चाइनीज मांजा कैसे बेचा जा रहा है ऐसे में दिल्ली सरकार और पुलिस पर भी सवाल खड़े होते है।