Thursday, December 26, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. भारत चीन संघर्ष: सेना को दी गई 'इमरजेंसी पावर', नहीं करना होगा दिल्ली से आदेश का इंतजार

भारत चीन संघर्ष: सेना को दी गई 'इमरजेंसी पावर', नहीं करना होगा दिल्ली से आदेश का इंतजार

लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात हुए खूनी संघर्ष के बाद भारत ने अब आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है।

Reported by: Devendra Parashar @DParashar17
Published : June 17, 2020 10:09 IST
Emergency Power
Emergency Power

लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात हुए खूनी संघर्ष के बाद भारत ने अब आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है। सरकार ने भारतीय सेना को लद्दाख में सेना की मौजूदगी को लेकर खुली छूट दे दी है। सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार ने सेना को 'इमरजेंसी पावर' दे दी है। केंद्र ने सेना को कहा है कि वे मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए स्वयं फैसला ले सकते हैं। बता दें कि सोमवार रात एलएसी पर मौजूद गलवान घाटी में भारत और चीन सेना के बीच खूनी संघर्ष हुआ, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। 

सेना के सूत्रों के अनुसार भारत की पूरी कोशिश है कि वह सीमा पर डटे चीनी सैनिकों को भारतीय सेना की मजबूती का प्रदर्शन करे।  यही ध्यान में रखते हुए सेना को 'इमरजेंसी पावर' दे दी गई है। सरकार ने मौजूदा परिस्थिति के अनुसार सीमा पर सैनिकों और हथियारों की मौजूदगी का पूरा अधिकार दे दिया है। माना जा रहा है कि सीमा पर सैनिकों की अधिक मौजूदगी के बाद ही बातचीत की मेज पर भारत का पड़ला चीन के बराबर हो सकता है। 

गौरतलब है कि बीते पांच हफ्तों से गलवान घाटी समेत पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में बड़ी संख्या में भारतीय और चीनी सैनिक आमने-सामने थे। यह घटना भारतीय सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे के उस बयान के कुछ दिन बाद हुई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि दोनों देशों के सैनिक गलवान घाटी से पीछे हट रहे हैं। पिछले एक महीने से ज्यादा वक्त से चल रहे गतिरोध को लेकर दोनों देशों के बीच सेना और डिप्लेमैटिक स्तर पर भी बातचीत चल रही थी। सेना के कमांडर लेवल के अधिकारियों के बीच भी वार्ता हुई थी और चीन के सैनिकों का पीछे हटना भी शुरू हुआ था। 

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement