कानपुर: जबर्दस्त गर्मी और उमस भरी गर्मी के बीच अघोषित बिजली कटौती तथा रोजाना फाल्ट के कारण लड़खड़ाई बिजली आपूर्ति से औद्योगिक शहर में व्यापारियों का व्यापार चौपट हो रहा है। साथ ही आम जनता भी बिजली की कमी और पानी की किल्लत से परेशान है।
शहर में रोजाना हो रही आठ से दस घंटे की बिजली कटौती से जनता रोजाना सड़कों पर आकर आंदोलन कर रही है जिससे कानून व्यवस्था बिगड़ने का भी खतरा बन गया है। कल देर रात को भी शहर के शिवाला, बड़ा चौराहा, परेड आदि इलाको में करीब 12 घंटे से बिजली न आने से जनता सड़को पर उतर आई और आधी रात तक उसने जबरदस्त हंगामा किया। बाद में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के समझाने बुझाने के बाद देर रात जनता का प्रदर्शन खत्म हुआ।
भाजपा के अध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी कहते है कि शहर में समाजवादी पार्टी के पांच विधायक और दो मंत्री होने के बावजूद अघोषित और लगातार बिजली कटौती से लोग परेशान है। शहर में दिन भर हो रही अघोषित 10 से 12 घंटे की बिजली कटौती से व्यापाारियों अतिरिक्त छोटे व्यापारियों और दुकानदारों का व्यापार भी चौपट हो रहा है। मैथानी कहते है कि लगभग पचास लाख की आबादी वाला कानपुर गाजियाबाद और नोएडा में राजस्व देने में प्रदेश में तीसरे नंबर पर है लेकिन बिजली के मामले में इन दोनों जिलों से सबसे ज्यादा पिछड़ा हुआ है। शहर में प्रदेश के दो मंत्री होने का क्या फायदा। इन मंत्रियों विधायको को चाहिये कि वह औद्योगिक शहर कानपुर को बिजली कटौती से मुक्त कराये।
कानपुर किराना मंडल के अध्यक्ष राकेश अग्रवाल के मुताबिक इस बिजली कटौती से सबसे ज्यादा परेशानी व्यापारियों को हो रही है जब बिजली नही आयेंगी तो व्यापार कैसे चलेगा।