भुवनेश्वर. भारत के कुछ क्षेत्रों पर नेपाल के दावे के खिलाफ अलग तरीके से विरोध जताते हुए एक संगठन ने डाक टिकट की प्रति के साथ एक लिफाफे को सामने रखा है। संगठन का कहना है कि इस डाक टिकट को नेपाल ने कथित तौर पर 1954 में छापा था जिसमें दिखाया गया कि जिस क्षेत्र को लेकर विवाद है वह भारत का हिस्सा है।
संगठन ‘भारत रक्षा मंच’ ने इस लिफाफे को सामने लाते हुए दावा किया कि उसने इसकी प्रति को नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और नेपाली नेशनल एसेंबली के 59 सदस्यों को भेजा है। मंच के राष्ट्रीय सचिव और डाक टिकट संग्रह करने वाले अनिल धीर ने बताया कि 1954 के बाद से नेपाल ने 29 डाक टिकट जारी किए हैं जिसमें इस क्षेत्र को भारत के हिस्से के रुप में दिखाया गया है।
धीर ने बताया, ‘‘उन्होंने कालापानी को कभी भी अपने क्षेत्र या विवादित क्षेत्र के तौर पर नहीं दिखाया। उन इलाकों को नेपाल सरकार के आधिकारिक मानचित्र में कभी शामिल नहीं किया गया।’’
उन्होंने कहा कि विरोध के तौर पर इस लिफाफे को सामने लाया गया है और इसे भारत में नेपाल के दूत तथा नेपाल के अन्य अधिकारियों को भेज दिया गया है। नेपाल सरकार ने 20 मई को एक मानचित्र जारी किया था जिसमें लिम्पियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी को उसने हिमालयी देश का हिस्सा बताया था। हालांकि, भारत ने नेपाल के इस दावे को खारिज कर दिया।