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कोरोना के नए स्ट्रेन को भारतीय वैज्ञानिकों ने किया डिकोड, ICMR ने दी जानकारी

कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन को लेकर भारत के वैज्ञानिकों को शनिवार को बड़ी कामयाबी मिली है। भारतीय वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन को डिकोड किया है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : January 02, 2021 20:37 IST
Indian scientists successfully decode new coronavirus strain latest news ICMR
Image Source : INDIA TV Indian scientists successfully decode new coronavirus strain latest news ICMR

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन को लेकर भारत के वैज्ञानिकों को शनिवार को बड़ी कामयाबी मिली है। भारतीय वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन को डिकोड किया है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन की पहचान की है। नए कोरोना वायरस स्ट्रेन को डिकोड करने वाला भारत पहला देश है। सबसे बड़ी बात ये है कि नए कोरोना स्ट्रेन का पता चलने से वैक्सीन बनाने में मदद मिलेगी। ये जानकारी भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने ट्वीट करके दी है।

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न्यू स्ट्रेन पर वैक्सीन का असर का पता चलेगाः ICMR

ब्रिटेन से आए कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन की भारतीय वैज्ञानिकों ने सफलतापूर्वक पहचान कर ली है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने शनिवार को ट्वीट कर बताया कि भारत ने तेजी से वायरल हो रहे न्यू स्ट्रेन के वायरल तनाव (SARS-CoV-2 के यूके-वैरिएंट) का सफलतापूर्वक पहचान कर लिया है। भारत ने यूके म्यूटेंट स्ट्रेन को आइसोलेट कर लिया है। आईसीएमआर ने बताया कि इस आइसोलेशन के जरिए बनाए गए कोरोना वायरस वैक्सीन पर न्यू म्यूटेंट स्ट्रेन के प्रभाव की जांच करने में मदद मिलेगी। साथ ही यह भी चेक किया जा सकेगा कि इस स्ट्रेन पर कोरोना वैक्सीन का असर होगा या नहीं। गौरतलब है कि, भारत में महामारी के शुरुआती दिनों से ही ICMR के प्रयोगशालाओं के देशव्यापी नेटवर्क के माध्यम से sars-cov-2 वायरस कोविड-19 को ट्रैक किया जा रहा था।

भारत में अबतक कोरोना नए स्ट्रेन के 33 मामले सामने आए

चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि यदि इस दौरान नए स्ट्रेन से पीड़ित मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हुई तो वायरस निष्प्रभावी साबित हो सकता है। भारत में कोरोना के नए स्ट्रेन से संक्रमित होने वाले मरीजों की संख्या शनिवार को बढ़कर 33 हो गई है। ब्रिटेन से गुजरात लौटे चार लोग कोरोना के नए स्ट्रेन से संक्रमित पाए गए हैं। इन चारों लोगों के सैंपल पुणे की वायरोलॉजी लैब में भेजे गए थे, अभी 15 सैंपल का रिजल्ट पेंडिंग हैं और करीब छह दिनों में इसके परिणाम आएंगे। गुजरात की स्वास्थ्य सचिव ज्यंति रवि ने कहा कि जो लोग संक्रमित पाए गए हैं उनके संपर्क में आए लोगों की भी कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की जा रही है। उनके साथ जो पैसेंजर फ्लाइट में आए थे उन्हें आइसोलेट किया जा रहा है।

ब्रिटेन में फैल रहा कोरोना का नया स्ट्रेन संक्रामक ज्यादा, लेकिन जानलेवा नहीं: स्टडी

वहीं ब्रिटेन में पिछले हफ्तों में कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन तेजी से फैलने के बाद दुनियाभर में चिंता बढ़ गई है। वहां की पब्लिक हेल्थ संस्था की स्टडी में पाया गया कि है नए के मुकाबले न केवल पुराने स्ट्रेन से संक्रमित ज्यादा मरीजों को भर्ती करने की नौबत आई बल्कि इससे मौतें भी ज्यादा हुईं। इसलिए एक्सपर्ट का कहना है कि नए स्ट्रेन को लेकर पैनिक होने वाली बात नहीं है, यह भले पुराने स्ट्रेन की तुलना में ज्यादा संक्रामक है, लेकिन जानलेवा नहीं है।

ब्रिटेन की पब्लिक हेल्थ संस्था द्वारा 3600 मरीजों पर यह स्टडी की गई। इसमें दोनों स्ट्रेन के 1800-1800 मरीज लिए गए थे लेकिन इसमें से केवल 42 मरीजों को ही अस्पताल में एडमिट करना पड़ा। इनमें से 26 मरीज पुराने स्ट्रेन के थे और 16 मरीज नए स्ट्रेन के थे। इससे पता चलता है कि नए स्ट्रेन से पीड़ित मरीजों में सीवियरिटी भी कम है, इसलिए उन्हें एडमिट भी कम होना पड़ा। जबकि पुराने वाले में यह ज्यादा पाया गया।

पुराने स्ट्रेन के 26 मरीजों में से 12 की मौत हो गई और नए स्ट्रेन के 16 मरीज में से 10 की मौत हो गई। यहां पर यह देखा गया कि नए स्ट्रेन की तुलना में पुराने स्ट्रेन से पीड़ित मरीजों की ज्यादा मौतें हुईं। इससे साफ होता है कि नया स्ट्रेन जानलेवा भी कम है। इसलिए नए स्ट्रेन को लेकर पैनिक होने वाली बात नहीं है। हां, इस स्टडी में पाया गया कि पुराने की तुलना में नया स्ट्रेन ज्यादा संक्रामक है, लेकिन यह न तो सीवियर ज्यादा है और न ही जानलेवा।

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