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श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में प्रवासी मजदूरों से नहीं लिया जा रहा है कोई किराया, रेलवे ने दी सफाई

श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के किराए को लेकर बढ़ता विवाद देखते हुए रेलवे ने स्पष्ट करते हुए कहा कि प्रवासी कामगारों को घर पहुंचाने के लिए डायरेक्ट लोगों को टिकट नहीं बेचे जा रहे हैं।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: May 04, 2020 13:40 IST
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Image Source : Indian Railways clarifies on sharmik special trains fare

नई दिल्ली। देश के अलग-अलग राज्यों में फंसे मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए भारतीय रेल ने जो श्रमिक स्पेशल गाड़ियां चलाई हैं उनमें मजदूरों से किसी तरह का किराया नहीं वसूला जा रहा है। खुद भारतीय रेलवे ये यह सफाई दी है। भारतीय रेलवे की ओर से कहा गया है कि 'यह श्रमिक स्पेशल social distancing norms maintain करते हुए यानि लगभग 60 प्रतिशत यात्री एक ट्रेन में, रास्ते में भोजन तथा पानी की व्यवस्था, सुरक्षा आदि के साथ ये विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं तथा वापसी में खाली ट्रेने लाई जा रही है। सामान्य दिनों में भी भारतीय रेल यात्रियों को यात्रा करने पर लगभग 50 प्रतिशथ सब्सिडी देती है, इन सबको ध्यान में रखकर मात्र 15-20 प्रतिशत खर्च रेलवे भेजने वाले राज्य सरकारों से ले रही है और टिकट राज्य सरकारों को दिया जा रहा है। भारतीय रेल किसी भी प्रवासी को न तो टिकट बेच रहा है और न ही उनसे किसी प्रकार का संपर्क कर रहा है, यह इसलिये भी ज़रूरी है कि पूरी प्रक्रिया पर नियंत्रण रहे, और राज्य सरकारें सुनिश्चित करें कि सिर्फ जरूरतमंद लोग ही इन स्पेशल ट्रेनों में यात्रा करें, ऐसा न किया जाये तो बेकाबू भीड़ इकट्ठी हो सकती है. नियंत्रण व सुरक्षा रखना असंभव होगा। संक्रमण से बचाने के लिए social distancing भी नहीं कर पाएंगे।'

रेलवे की ओर से कहा गया है कि 'अगर ये सुविधा निःशुल्क होती तो नियंत्रण के बिना सभी लोग रेलवे स्टेशन पहुंच जाते, ट्रेनों में बड़ी संख्या में घुसकर लोग बिना social distancing maintain किये और असावधानीपूर्वक यात्रा करते। किसी भी राज्य के लिए स्टेशनों पर भगदड़ को नियंत्रित करना असंभव हो जाता, इस स्थिति में राज्य सरकारों के लिए ये सुनिश्चित करना भी मुश्किल हो जाता कि वास्तव में इन ट्रेनों में प्रवासी मजदूर ही यात्रा कर रहे हैं। पूरी प्रक्रिया नियंत्रण से चले और मुसीबत में फंसे लोगों को उनके गाँव तक पहुँचाया जा सके इसलिए जरूरी है कि यात्रा पर अंकुश और अनुशासन रहे।'

बता दें कि, देश के अलग-अलग राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए रेलवे ने देश के विभिन्न हिस्सों से अब तक 34 श्रमिक विशेष ट्रेनें चलाई हैं। संकट के समय में विशेष रूप से गरीब से गरीब लोगों को भी सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा प्रदान करने की अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को पूरा कर रही है। श्रमिकों से किराए वसूली को लेकर कांग्रेस अध्यक्षा के बयान के बाद भारतीय रेलवे ने बयान जारी किया है।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी श्रमिकों से रेलवे द्वारा किराया वसूले जाने पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि अब इन मजदूरों के लौटने पर होने वाले खर्च का वहन पार्टी की प्रदेश इकाइयां करेंगी। इसी बीच भारतीय रेलवे ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के किराए को लेकर स्थिति साफ कर दी है। 

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