नई दिल्ली: ट्रेन से सफर करनेवालों के लिए जरूर खबर। भारतीय रेल ने ट्रेनों के टाइम टेबल और कुछ जरूरी नियमों में बदलाव किया है। ये बदलाव आज से लागू हो चुके हैं। भारतीय रेल को नए नियमों से रेल सेवा में सुधार और आमदनी की उम्मीद है लेकिन नए टाइम टेबल की कम जानकारी ने यात्रियों को परेशानी में डाल रखा है इसलिए अगर आप आज ट्रेन से यात्रा करने जा रहे हैं तो पहले ट्रेन के टाइम की जानकारी लेना ना भूलें। ट्रेनों के टाइम टेबल के साथ-साथ रेलवे छह नई ट्रेन शुरू करने जा रहा है जिसमें तेजस, हमसफर और अंत्योदय एक्सप्रेस शामिल हैं।
देश भर में चलने वाली करीब 500 ट्रेनों के ट्रैवल टाइम में 10 मिनट से लेकर 3 घंटे तक समय कम किया गया है और 50 नई ट्रेनों का ऐलान किया गया है जिसमें 9 गुजरात की होंगी। इसके अलावा 65 पुरानी ट्रेनों को सुपरफास्ट बनाया जाएगा जिनकी रफ्तार 55 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा की जाएगी। यानी ये ट्रेनें पहले से तेज चलेंगी और यात्री अपने मंज़िल तक जल्दी पहुंच सकेंगे जिससे लंबी दूरी की यात्रा करने वालों को सबसे ज्यादा फायदा होगा।
इसके अलावा भी रेलवे में कई और बदलाव होने जा रहे हैं...
- सभी राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों में लगे जनरेटर कोच अब हट जाएंगे
- राजधानी ट्रेनों में फिलहाल दो जनरेटर कोच होते हैं
- रेलवे इन पुराने कोचों को हटाकर पैसेंजर्स कोच लगाएगा ताकि यात्रियों की बढ़ी संख्या से रेलवे की इनकम बढ़ाई जा सके
- इसके साथ ही 14 ट्रेनों का एक्सटेंशन ट्रेन का दर्ज़ा दिया गया
- 2 पैसेंजर ट्रेन को एक्सप्रेस ट्रेन का दर्ज़ा दिया गया है
- टाइम टेबल में 48 ट्रेनों को सुपरफ़ास्ट ट्रेन का दर्ज़ा दिया जा रहा है
बुलेट ट्रेन का सपना देख रहे देश में ट्रेनों की लेट लतीफी बेहद आम बात बन गई है। भारतीय रेल में बाक़ी सुपरफ़ास्ट ट्रेनों की बात छोड़ दें और केवल पिछले तीन साल में शुरु की गई प्रीमियम ट्रेनों पर ग़ौर करें तो...
- आनंद विहार और गोरखपुर के बीच चलने वाली हमसफर एक्सप्रेस पिछले तीन महीने में अपने 50 सफर में 46 बार घंटों की देरी से सफर पूरी किया है
- नई दिल्ली से बनारस के बीच चलने वाली महामना एक्सप्रेस ने पिछले एक महीने में 26 बार अप डाउन किया है। इसमें 23 बार यह ट्रेन घंटों लेट रही है
- लोकमान्य तिलक से टाटानगर के बीच चलने वाली अंत्योदय एक्सप्रेस पिछले एक महीने में एक 17 सफर में 15 बार घंटों लेट रही है
- कुछ यही हाल तेजस एक्सप्रेस का रहा है जिसकी तुलना हवाई जहाज तक से की गई। ये ट्रेन पिछले 3 महीने में 76 सफर में 17 बार घंटों की देरी से मंज़ील तक पहुंची है
ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने, नई ट्रेनें चलाने से रेलवे को हर साल करीब सौ करोड़ अतिरिक्त आमदनी की उम्मीद है लेकिन टाइम टेबल में अचानक बदलाव और रेलवे की अधूरी तैयारी ने यात्रियों को परेशानी में डाल रखा है।