नयी दिल्ली: नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने सोमवार को कहा कि सरकार ने नौसेना में 56 नये जंगी जहाजों और छह पनडुब्बियों को शामिल करने की योजना को मंजूरी दी है। वहीं, देश का पहला स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत विक्रांत अपने निर्माण के अंतिम चरण में पहुंच गया है और इसका समुद्री परीक्षण 2020 में होगा। नौसेना दिवस की पूर्व संध्या पर एडमिरल लांबा ने कहा कि सेना के तीनों अंगों के बीच सहक्रिया और समन्वय सुनिश्चित करने की दिशा में काफी प्रगति हुई है। उन्होंने कहा कि वायुसेना संयुक्त कमान के खिलाफ है। उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि इस दिशा में काम करने से पहले एक उच्चतर रक्षा संगठन अवश्य ही स्थापित किया जाना चाहिए।
अपनी करीब 70 मिनट की मीडिया ब्रीफिंग में एडमिरल ने नौसेना को आधुनिक बनाने के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों को गिनाया, जिनमें लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों का एक बड़ा बेड़ा भी शामिल है। उन्होंने कहा कि दूसरा स्वदेशी विमानवाहक पोत का निर्माण कार्य तीन साल के अंदर शुरू हो जाने की उम्मीद है। चीन के अपनी नौसैनिक क्षमता तेजी से बढ़ाने के विषय पर नौसेना प्रमुख ने कहा, ‘‘2050 तक, हमारे पास भी 200 जहाज, 500 विमान और एक विश्वस्तरीय नौसेना होगी।’’उन्होंने कहा कि 32 जहाज और पनडुब्बी अभी इंडियन शिपयार्ड में निर्माणाधीन हैं और इनके अलावा सरकार ने 56 जहाजों तथा छह पनडुब्बियों को मंजूरी दी है।
नौसेना के दो मोर्चों पर युद्ध लड़ने की क्षमता के बारे में पूछे जाने पर एडमिरल ने कहा कि उनका बल (भारतीय नौसेना) पाकिस्तानी नौसेना से कहीं आगे हैं, जबकि हिंद महासागर में शक्ति संतुलन चीन के मुकाबले भारत के पक्ष में है। हालांकि, उन्होंने कहा कि जहां तक भारतीय नौसेना की बात है हमारे लिए दो मोर्चें नहीं हैं। हमारे लिए एक ही मोर्चा है और वह हिंद महासागर है। रिलायंस नेवल इंजीनियरिंग लिमिटेड की ओर से पांच तटीय गश्त वाहनों की आपूर्ति किए जाने में विलंब के बारे में पूछे जाने पर एडमिरल लांबा ने कहा कि कंपनी कॉरपोरेट ऋण पुनर्गठन से गुजर रही है और करार के लिए बैंक गारंटी भुना ली गई है। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार यह सौदा रद्द करने पर विचार कर रही है, नौसेना प्रमुख ने कहा कि अनुबंध पर गौर किया जा रहा है।
सेना के तीनों अंगों (थल सेना, वायुसेना और नौसेना) के प्रमुख के तौर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) नियुक्त करने के लंबे समय से लंबित प्रस्ताव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि थल सेना, नौ सेना और वायुसेना के बीच इस पर सर्वसम्मति है तथा इस विषय पर एक प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय को भेजा गया है। सेशल्स के एजम्पशन द्वीप पर एक अड्डा बनाने के प्रस्ताव की मौजूदा स्थिति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इसके लिए सेशल्स की सरकार से बातचीत चल रही है। नौसेना प्रमुख ने कहा कि मालदीव में अब भारत के प्रति बेहतर रवैया रखने वाली सरकार बन जाने पर दोनों देश समुद्री सहयोग बढ़ा सकेंगे।
उन्होंने 2008 में हुए मुंबई हमलों के बाद तटीय सुरक्षा की स्थिति के बारे में कहा कि तटीय सुरक्षा बढ़ाने के प्रयासों के तहत मछली पकड़ने वाली तकरीबन ढाई लाख नौकाओं पर स्वत: पहचान करने वाले ट्रांसपोर्डर लगाने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। सामरिक महत्व की पनडुब्बी परियोजना के बारे में पूछे जाने पर एडमिरल लांबा ने कहा कि भारतीय नौसेना ने इस साल आईएनएस अरिहंत की प्रथम प्रतिरोधी गश्त पूरी कर ली। उन्होंने कहा कि स्वदेशी विमानवाहक पोत कोच्चि में अभी निर्माण के अपने तीसरे और अंतिम चरण में है, इसका समुद्री परीक्षण 2020 में होगा। विक्रांत को शामिल किए जाने के बाद समु्द्र में नौसेना की क्षमता में काफी वृद्धि होगी।