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भारतीय नौसेना को अमेरिका से लीज पर मिले 2 सी गार्डियन ड्रोन, एलएसी पर हो सकती है तैनाती

भारतीय नौसेना को हिंद महासागर क्षेत्र के विशाल हिस्से की निगरानी के लिए प्रसिद्ध सशस्त्र ड्रोन सी गार्डियन मिला है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: November 25, 2020 22:03 IST
Indian Navy inducts two American Predator drones, can be deployed along LAC- India TV Hindi
Image Source : ANI Indian Navy inducts two American Predator drones, can be deployed along LAC

नई दिल्ली। भारतीय नौसेना को हिंद महासागर क्षेत्र के विशाल हिस्से की निगरानी के लिए प्रसिद्ध सशस्त्र ड्रोन सी गार्डियन मिला है। जनरल एटॉमिक्स द्वारा निर्मित सी गार्डियन एक बार में लगातार 37 घंटे तक उड़ान भर सकता है। यह समुद्र में हर प्रकार की हलचल की निगरानी कर सकता है। इस ड्रोन की मदद से नौसेना को अपने विरोधियों पर निश्चित तौर पर बढ़त हासिल करने में मदद मिलेगी। समुद्री क्षेत्र की निगरानी करने वाले इन ड्रोन को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भी तैनात किया जा सकता है।

दरअसल, हिंद महासागर क्षेत्र में दुश्मनों पर पैनी नजर रखने के लिए भारतीय नौसेना अपनी उच्च क्षमता को और अधिक बढ़ाने में लगी हुई है। दुश्मनों के युद्धपोतों पर निगरानी रखने के लिए भारतीय नौसेना ने यह जलपोत ड्रोन खरीदे हैं। इन ड्रोन की मदद से दुश्मनों के युद्धपोतों पर कड़ी नजर रखी जा सकेगी। सरकार के उच्च सूत्र के मुताबिक नवंबर के दूसरे हफ्ते में यह ड्रोन भारत लाए गए हैं। इन्हें भारतीय नौसेना ने विगत 21 नवंबर को आइएनएस रजाली के उड़ान अभियानों में शामिल किया है।

भारत इन ड्रोन को लीज के जरिए हासिल कर रहा है। हाल ही में सरकार ने हथियार प्रणालियों के अधिग्रहण पर नीति में बदलाव किया और सेवाओं को एकमुश्त खरीद के बजाय पट्टे पर लेने की अनुमति दी। हिंद महासागर में किसी भी समय 100 से अधिक युद्धपोत रहते हैं, क्योंकि इस क्षेत्र में व्यापार और ऊर्जा के प्रवाह में वृद्धि देखी है और इसलिए क्षेत्र में तेजी से सैन्यीकरण देखने को मिला है। ड्रोन में भारतीय नौसेना के लिए डोमेन जागरूकता बढ़ाने की क्षमता है।

सूत्रों का कहना है कि दोनों ड्रोन ने समुद्री क्षेत्र में निगरानी के लिए उड़ानें भरना शुरू कर दिया है। सूत्रों ने बताया कि भारतीय क्षेत्र में उड़ान भरने वाले यह ड्रोन एक साल की लीज पर लिए गए हैं। हालांकि इनकी अहमियत को देखते हुए सशस्त्र भारतीय सेनाएं 18 ऐसे और ड्रोन अमेरिका से हासिल करने की तैयारी कर रही हैं। पूर्वी लद्दाख में चीनी आक्रामकता के बीच भारत और अमेरिका मिल जुलकर काम कर रहे हैं। अमेरिका अब भारत की मदद निगरानी से लेकर सभी तरह की सूचनाएं साझा करने में कर रहा है। सूत्रों का कहना है कि अमेरिकी प्रीडेटर ड्रोन को रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया-2020 और रक्षा अधिग्रहण मैनुअल-2009 के तहत लीज पर लिया गया है।

(इनपुट-ANI/INAS)

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