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भारतीय नौसेना ने आज ही के दिन कराची हार्बर को कर दिया था तबाह

ट्राइडेंट का मतलब होता है त्रिशूल होता है। त्रिशूल यानी शिव का संहारक हथियार। इंडियन नेवी ने 4 दिसंबर 1971 की रात को 'ऑपरेशन ट्राइडेंट' शुरू किया था। इसके तहत भारतीय नेवी ने पाकिस्तान नेवी के कराची बंदरगाह स्थित मुख्यालय को निशाना बना हमला बोला। यह भ

Edited by: India TV News Desk
Updated on: December 04, 2017 10:28 IST
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नई दिल्ली: आज नौसेना दिवस है और इससे एक दिन पहले नेवी डे बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन किया गया। रविवार शाम को मुंबई के गेट वे ऑफ इंडिया पर नौसेना ने अपना दमखम दिखाया। समंदर किनारे हिंदुस्तान की नौसेना की ऐसी गर्जना सुनाई दी जो दुश्मनों के भी पसीने निकाल दे। भारतीय नौसेना दुनिया भी सबसे खतरनाक नौसेनाओं में से एक हैं। हिंद महासागर में उनकी मारक क्षमता सबसे ज्‍यादा है। 4 दिसंबर को ही नौसेना दिवस क्यों मनाया जाता है इस बात की जानकारी शायद आपको न हो।

भारतीय नौसेना 4 दिसंबर, 1971 की रात को लॉन्‍च हुए ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ को याद करती है, जिसमें कराची हार्बर को पूरी तरह तबाह कर दिया गया था। इस ऑपरेशन से पाकिस्‍तानी नौसेना को भारी नुकसान पहुंचा था और वह किसी भारतीय नौसेना बेस पर हमला करने की क्षमता खो बैठी थी।

1971 के दौर में कराची बंदरगाह पाकिस्तान के लिए बेहद मायने रखता था। पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था में इसका खासा योगदान था। साथ ही पाक नौसेना का पूरा अड्डा भी यहीं था। 1971 के आखिरी दिनों में भारत और पाकिस्तान के बीच जबरदस्त टेंशन बढ़ा। बिगड़ते हालात को देखते हुए भारत ने 3 विद्युत मिसाइल बोट तैनात कर दी थी। उसके बाद ऑपरेशन ट्राइडेंट को अंजाम दिया गया।

ट्राइडेंट का मतलब होता है त्रिशूल होता है। त्रिशूल यानी शिव का संहारक हथियार। इंडियन नेवी ने 4 दिसंबर 1971 की रात को 'ऑपरेशन ट्राइडेंट' शुरू किया था। इसके तहत भारतीय नेवी ने पाकिस्तान नेवी के कराची बंदरगाह स्थित मुख्यालय को निशाना बना हमला बोला। यह भारतीय नौसेना का सबसे खतरनाक हमला था। इसमें 3 मिसाइल बोट्स आईएनएस निपट, आईएनएस निर्घट और आईएनएस वीर का इस्तेमाल हुआ।

रात 9 बजे के करीब भारतीय नौसेना ने कराची की तरफ बढ़ना शुरू किया। रात 10:30 पर कराची बंदरगाह पर पहली मिसाइल दागी गई। 90 मिनट के भीतर पाकिस्तान के 4 नेवी शिप डूब गए। 2 बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए और कराची बंदरगाह शोलों से घिर गया। बताया जाता है कि कराची बंदरगाह 8 दिनों तक जलता रहा। भारत को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ।

भारतीय नौसेना ने ऑपरेशन की तैयारी और कार्रवाई इतनी जबरदस्त तरह से की थी कि पाकिस्तान को संभलने का मौका नहीं मिला। भारत की इस कार्रवाई में पाकिस्तान के 3 पोत बर्बाद होकर डूब गए, 1 पोत बुरी तरह डैमेज हुआ और बाद में वह भी बेकार हो गया।

इस ऑपरेशन में कराची हार्बर फ्यूल स्टोरेज को भी भारत ने पूरी तरह तबाह कर दिया। भारत की ताकत का अंदाज़ा इससे लगाया जा सकता है कि उसे इस कार्रवाई में कोई नुकसान नहीं हुआ। भारत की तरफ से इस कार्रवाई में 3 विद्युत क्लास मिसाइल बोट और 2 एंटी सबमरीन कोवर्ट ने हिस्सा लिया था। इसे भारतीय नौसेना का सबसे सफल हमला माना जाता है। इसी की याद में 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाते हैं।

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