नयी दिल्ली: पहली बार भारत से मुस्लिम महिलाएं अब बिना पुरुष के साथ के हज के लिए साउदी अरब जा सकेंगी. इन महिलाओं के लिए साउदी अरब में रहने और आवाजाही के लिए अलग से इंतज़ाम किया गया है. ये जानकारी अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी ने एक ट्वीट के ज़रिये दी है. उन्होंने बताया कि महिलाओं की मदद के लिए महिलाओं को ही तैनात किया जाएगा.
आपको बता दें कि इसके पहले हज के लिए महिला के साथ पुरुष का होना ज़रुरी था.
नक़वी ने एक अन्य ट्वीट में बताया कि सउदी अरब समंदर के रास्ते हज करने के विकल्प की बहाली के भारत के फ़ैसले पर सहमत हो गया है. दोनों देशों के अधिकारी इस मामले में तमाम औपचारिकताओं पर चर्चा करने के लिए बैठक करेंगे ताकि ये सुविधा आने वाले सालों में फिर शुरु की जा सके. समंदर मार्ग से हज यात्रा करना काफी सस्ता होगा. पहले मुंबई से जद्दाह हज के लिए समंदर मार्ग से जाते थे जो सुविधा 1995 में बंद कर दी गई थी.
कल सऊदी अरब के मक्का में श्री नकवी ने सऊदी अरब के हज एवं उम्रा मंत्री हिज़ एक्सेलेंसी डॉ. मुहम्मद सालेह बिन ताहेर बेन्तेन के साथ हज 2018 के सम्बन्ध में द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किये। इस दौरान सऊदी अरब सरकार ने भारत से पानी के जहाज से भी हज यात्रा को दोबारा शुरू किये जाने को हरी झंडी दी।
श्री नकवी ने कहा कि हज यात्रियों के मुंबई से समुद्री मार्ग के जरिये जेद्दा जाने का सिलसिला 1995 में रुक गया था। हज यात्रियों को जहाज (समुद्री मार्ग) से भेजने पर यात्रा संबंधी खर्च काफी कम हो जायेगा। नई तकनीक एवं सुविधाओं से युक्त पानी का जहाज एक समय में चार से पांच हजार लोगों को ले जाने में सक्षम हैं। मुंबई और जेद्दा के बीच 2,300 नॉटिकल मील की एक ओर की दूरी सिर्फ 3-4 दिनों में पूरी कर सकते हैं। जबकि पहले पुराने जहाज से 12 से 15 दिन लगते थे।