नई दिल्ली. देश में इस वक्त कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन प्रोग्राम चल रहा है। अब ये वैक्सीनेशन प्रोग्राम अपने तीसरे चरण में पहुंच चुका है, जिसके तहत 18+ आयु वाले लोगों का भी टीकाकरण किया जा रहा है। कोविड वैक्सीनेशन को लेकर युवाओं सहित हर आयु वर्ग के लोगों में उत्साह है। लोगों का ये उत्साह खासतौर पर सोशल मीडिया पर देखा जा सकता है, जहां लोग वैक्सीनेशन की तस्वीरें और सर्टिफिकेट जमकर शेयर कर रहे हैं।
लेकिन अब भारत सरकार ने सोशल मीडिया पर कोविड वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट शेयर न करने की सलाह दी है। भारत सरकार ने ट्विटर हैंडल साइबर दोस्त से ट्विट कर वैक्सीन लगवाने वालों को आगाह करते हुए वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट सोशल मीडिया पर शेयर न करने की दो प्रमुख वजह बताई हैं। इसके अनुसार, कोविड-19 वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट में आपका नाम और अन्य पर्सनल डिटेल्स होती है। साइबर दोस्त का कहना है कि साइबर क्राइम करने वाले लोग आपके वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट से डेटा चुरा का मिसयूज कर सकते हैं।
केंद्र ने राज्यों से जून के अंत तक के संभावित भंडार से टीकाकरण बढ़ाने की योजना बनाने को कहा
केंद्र सरकार ने मंगलवार को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सलाह दी कि जून के अंत तक उपलब्ध भंडार और पूर्वानुमानित आपूर्ति के माध्यम से टीकाकरण कवरेज को बढ़ाने की योजना बनाएं, वहीं निजी अस्पतालों को ऑफलाइन टीका पंजीकरण की अनुमति नहीं देने की सलाह दी गयी है और कहा है कि सभी पंजीकरण ऑनलाइन होने चाहिए।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने टीकाकरण की प्रगति पर राज्यों के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समीक्षा बैठक की और राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों से अनुरोध किया कि टीकाकरण अभियान की गति बढ़ाने के लिए कोविन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध सभी संभावनाओं का पूरा इस्तेमाल करें।
मंत्रालय ने एक बयान में यह जानकारी दी। बयान के अनुसार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को केंद्र द्वारा टीकों की नि:शुल्क उपलब्धता के लिए 15 जून तक आपूर्ति की अपेक्षित तिथि तक और राज्यों द्वारा सीधे टीकों की खुराकों की खरीद के लिए 30 जून तक पूर्वानुमानित आपूर्ति की संभावना की एक तस्वीर राज्यों से साझा की है।
उन्हें सलाह दी गयी है कि भारत सरकार से इतर अन्य माध्यमों से टीकों की समय पर आपूर्ति के लिए टीका निर्माताओं के साथ नियमित समन्वयन के लिहाज से दो या तीन सदस्यों की विशेष टीम बनाई जाए। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने टीकाकरण की प्रगति पर राज्यों के साथ डिजिटल बैठक की। राज्यों को बताया गया कि रूसी टीके स्पुतनिक को भी कोविन पोर्टल पर जोड़ दिया गया है।