देश में कैंसर की बीमारी लगातार अपनी जड़े मजबूत बनाता जा रहा है। देश में जिन बीमारियों के चलते सबसे ज्यादा लोगों की मौतें होती हैं, उसमें कैंसर का नाम अग्रिम पंक्ति में आता है। इस बीच भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की एक ताजा रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। इस नई रिपोर्ट के मुताबिक देश में अगले 5 वर्षों में करीब 2 लाख और लोग इस बीमारी की चपेट में आ जाएंगे।
ICMR & ICMR- NCDIR, बेंगलुरु ने नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम (NCRP) रिपोर्ट 2020 जारी की है। इस रिपोर्ट का अनुमान है कि मौजूदा रुझानों के आधार पर, 2020 के अंत तक भारत में 13.9 लाख कैंसर के मामले होंगे हो जाएंगे। वहीं अगले पांच साल की बात करें तो 2025 तक यह आंकड़ा बढ़कर 15.7 लाख हो जाएगा।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) -नेशनल सेंटर फॉर डिजीज इंफॉर्मेटिक्स एंड रिसर्च (NCDIR) नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम ने अगस्त 2020 की रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि भारत में 2020 में कैंसर के मामलों की संख्या 13.9 लाख है। भारत ने कई दशकों में कैंसर के मामलों में लगातार वृद्धि देखी है। 2017 की एक रिपोर्ट से पता चला है कि 1990 से 2016 के बीच भारत में कैंसर का बोझ 2.6 गुना बढ़ गया और समय के साथ कैंसर के कारण होने वाली मौतों में दोगुनी वृद्धि हुई।
कैंसर के इन मामलों में से लगभग दो-तिहाई आखिरी चरणों में हैं। पुरुषों में, सबसे आम कैंसर फेफड़े, मौखिक गुहा, पेट और घुटकी के होते हैं, जबकि महिलाओं में, स्तन, गर्भाशय ग्रीवा, अंडाशय और पित्ताशय के कैंसर सबसे आम हैं। तम्बाकू का उपयोग (सभी रूपों में) कैंसर के 27% मामलों में कैंसर के विकास के लिए एक प्रमुख परिहार्य जोखिम कारक है। अन्य महत्वपूर्ण जोखिम कारकों में शराब का उपयोग, अनुचित आहार, कम शारीरिक गतिविधि, मोटापा और प्रदूषण शामिल हैं।