नई दिल्ली: भारतीय सेना ने मानवरहित ड्रोन 'स्विच' को हासिल करने के लिए ideaForge Technology नाम की कंपनी के साथ करीब 1.46 अरब रुपये का करार किया है। मुंबई की एक कंपनी ने गुरुवार को बताया कि इस यूएवी के डैने मानवरहित विमान में फिक्स रहते हैं और यह वर्टिकल टेकऑफ व लैंडिंग में सक्षम है। यह विमान ऊंचे अक्षांशों और खराब मौसम में भी दिन-रात निगरानी कर सकता है।
बता दें कि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी बॉम्बे (IIT-Bombay) के तीन पूर्व छात्रों और देश के शीर्ष इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट द्वारा यह कंपनी बनाई गई है। आइडियाफोर्ज टेक्नोलॉजी नाम की इस कंपनी का गठन वर्ष 2007 में अंकित मेहता, राहुल सिंह और आशीष भट्ट ने बॉम्बे आईआईटी की इनक्यूबेटर SINE में किया था। आईआईटी बॉम्बे ने अपने ऑफिशियल फेसबुक पेज पर लिखा है, 'SINE और अंकित, राहुल और आशीष को हमारी बधाई। ये वाकई प्रशंसनीय है कि इन्हें पिछले साल यह एलुमनी अचीवर अवार्ड के लिए चुना गया है।'
अपनी बेवसाइट पर कंपनी ने एक बयान में लिखा कि यह भारतीय सेना को ideaForge's स्विच UAV के मानव रहित एरियल व्हीकल उपलब्ध कराएगी। ऑपरेशनल जरूरत संबंधी सभी मापदंडों को पूरा करने की क्षमता के कारण ideaForge को यह करार दिया गया।
कंपनी ने बताया कि स्विच विमान को भारतीय सेना को एक साल में सौंप दिया जाएगा। आइडियाफोर्ज को इस करार को अंजाम देने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कंपनी के सीईओ अंकित मेहता ने कहा कि उनकी कंपनी ने भारतीय सेना में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने के लिए तैयार किए गए इस मानवरहित विमान में तकनीकी और सटीक प्रदर्शन के लिए अपने संपूर्ण अनुभवों का निचोड़ डाल दिया है। उन्होंने कहा कि स्विच यूएवी ने ट्रायल के दौरान एक दर्जन भारतीय कंपनियों और विदेशी कंपनियों के साथ मुकाबला किया है। यह मानवरहित विमान भारतीय सेना की उम्मीदों और आवश्यकताओं पर खरा उतरा है।