नइ दिल्ली: भारतीय सेना ने पिछले डेढ़ दशक में अपने ऊपर हुए सबसे दुर्दांत हमले का करारा जवाब देते हुए आज भारत से लगती म्यांमार सीमा पर एक बड़ा अभियान चलाया और इस हमले में शामिल उग्रवादियों को बड़ी संख्या में मार गिराया।
सेना के अतिरिक्त महानिदेशक सैन्य अभियान मेजर जनरल रणवीर सिंह ने यहां संवाददताओं को बताया कि सेना ने सुबह सवेरे मणिपुर और नागालैंड से लगते भारत-म्यांमार के सीमावर्ती इलाकों में उग्रवादियों के खिलाफ एक व्यापक अभियान चलाया।
उन्होंने कहा कि यह अभियान म्यांमार सेना को विश्वास में लेकर चलाया गया और इसमें बड़ी संख्या में उग्रवादी मारे गए हैं। उग्रवादियों ने गत 4 जून को मणिपुर में सेना के एक काफिले पर घात लगाकर हमला किया था जिसमें 18 जवान मारे गये और 11 घायल हुए थे।
अपुष्ट सूत्रों के अनुसार सेना के इस अभियान में दस से अधिक उग्रवादी मारे गए हैं और उन्हें व्यापक नुकसान पहुंचा है।
मेजर जनरल सिंह ने कहा कि उग्रवादियों के हमले के बाद पूरे इलाके में हाई एलर्ट किया गया था और इसी बीच सेना को विश्वसनीय और सटीक जानकारी मिली कि भारतीय सीमा में कुछ और हमलों की साजिश रची जा रही है। इन में भी मणिपुर हमले में शामिल गुटों और उसके सहयोगियों के शामिल होने की आशंका जतायी गई थी।
उन्होंने कहा कि खुफिया जानकारी की पुष्टि होने के बाद सेना ने इन हमलों को विफल करने के लिए इसकी साजिश रच रहे उग्रवादियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की योजना बनाई। मेजर जनरल ने कहा कि सेना ने म्यांमार सेना को विश्वास में लेकर सुबह नागालैंड और मणिपुर से लगे भारत-म्यांमार के सीमावर्ती इलाकों में दो जगह अलग अलग उग्रवादी गुटों के सदस्यों को निशाना बनाया।
उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई में बड़ी संख्या में उग्रवादी मारे गए हैं। इस तरह से सेना ने सुरक्षाकर्मियों और स्थानीय लोगों पर होने वाले एक बड़े हमले को टाल दिया। मेजर जनरल सिंह ने कहा, ‘म्यांमार और भारत की सेनाओं के बीच सहयोग की ऐतिहासिक परंपरा रही है। हम म्यांमार की सीमा सेना के साथ इस तरह की आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ मिलकर काम करने की अपेक्षा करते हैं।’
उन्होंने कहा कि सीमावर्ती राज्यों में शांति और सुरक्षा कायम रखने के साथ साथ सेना राष्ट्रीय अखंडता और सुरक्षा के खिलाफ किसी भी प्रकार के खतरे का भविष्य में भी करारा जवाब देगी।
सेना ने कल भी मणिपुर के चंदेल क्षेत्र में उग्रवादियों के खिलाफ अभियान में चार उग्रवादियों का सफाया किया था।