नयी दिल्ली। भारतीय सेना ने सोशल मीडिया पर चल रहे उस वीडियो को रविवार को खारिज किया जिसमें पूर्वी लद्दाख में चीनी और भारतीय सैनिक कथित तौर पर आपस में भिड़ते दिखाई देते हैं। सेना ने एक बयान में कहा, 'वीडियो में दिख रही चीजें प्रामाणिक नहीं हैं। इसे उत्तरी सीमाओं पर स्थिति से जोड़ने का प्रयास दुर्भावनापूर्ण है।'
बयान में कहा गया कि दोनों देशों के बीच सीमा प्रबंधन पर स्थापित प्रोटोकॉल के तहत दोनों पक्षों के बीच मतभेदों का सैन्य कमांडरों के बीच वार्ता के माध्यम से समाधान किया जा रहा है। बिना तारीख वाले वीडियो में पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो क्षेत्र में भारतीय और चीनी सैनिक कथित रूप से आपस में भिड़ते दिखाई देते हैं।
सेना ने कहा, 'फिलहाल कोई हिंसा नहीं हो रही है। दोनों देशों के बीच सीमा प्रबंधन पर स्थापित प्रोटोकॉल के अनुरूप सैन्य कमांडरों के बीच वार्ता के माध्यम से मतभेदों का समाधान किया जा रहा है।' बयान में कहा गया, 'हम राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव डालने वाले मुद्दों को सनसनीखेज बनाने के प्रयासों की निंदा करते हैं। मीडिया से आग्रह है कि वह दृश्य सामग्री को प्रसारित न करें जिससे सीमाओं पर मौजूदा स्थिति के खराब होने की आशंका है।'
पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो, गलवान घाटी, देमचोक और दौलत बेग ओल्डी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच तीन सप्ताह से अधिक समय से गतिरोध जारी है जिसे 2017 के डोकलाम गतिरोध के बाद सबसे बड़ी सैन्य तनातनी माना जा रहा है। स्थिति तब बिगड़ गई जग पैंगोंग त्सो क्षेत्र में पांच मई की शाम भारत और चीन के लगभग 250 सैनिकों के बीच हिंसक टकराव हुआ।
पैंगोंग त्सो के आसपास फिंगर क्षेत्र में भारत द्वारा एक महत्वपूर्ण सड़क बनाए जाने और गलवान घाटी में दारबुक-शयोक-दौलत बेग ओल्डी को जोड़ने वाली एक और महत्वपूर्ण सड़क के निर्माण पर चीन का कड़ा विरोध टकराव का कारण बना। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बीते शनिवार को कहा कि विवाद के समाधान के लिए चीन के साथ सैन्य और राजनयिक स्तर पर द्विपक्षीय वार्ता जारी है।