नई दिल्ली: भारत और चीन के सैनिकों के बीच सोमवार रात हुई खूनी झड़प के बाद एक बाद फिर दोनों देशों के बीच भारी तनाव का माहौल है। बढ़ते तनाव के बीच एलएसी पर हाई अलर्ट है। सेना को भी पूरी तरह तैयार कर दिया गया है। उत्तरी, पश्चिमी और पूर्वी भारत के हर एयरबेस को हर आपातस्थिति के लिए तैयार कर दिया गया है। इसके अलावा नौसेना के जहाज भी तैयार हैं और समुद्र की गश्त तेज कर दी गई है। उधर, उत्तराखंड के जोशीमठ में सेना का मूवमेंट बढ़ गया है। सीमा पर आईटीबीपी की और टुकड़ियां भेजी गईं हैं।
सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने तीनों सेनाओं को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है और सेना को 'इमरजेंसी पावर' दे दी गई है। सरकार ने मौजूदा परिस्थिति के अनुसार सीमा पर सैनिकों और हथियारों की मौजूदगी का पूरा अधिकार दे दिया है। माना जा रहा है कि सीमा पर सैनिकों की अधिक मौजूदगी के बाद ही बातचीत की मेज पर भारत का पलड़ा चीन के बराबर हो सकता है।
केंद्र ने सेना को कहा है कि वे मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए स्वयं फैसला ले सकते हैं। बता दें कि सोमवार रात एलएसी पर मौजूद गलवान घाटी में भारत और चीन सेना के बीच खूनी संघर्ष हुआ, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। सेना के सूत्रों के अनुसार भारत की पूरी कोशिश है कि वह सीमा पर डटे चीनी सैनिकों को भारतीय सेना की मजबूती का प्रदर्शन करे।
इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत के वीर जवानों की शहादत पर संवेदना व्यक्त की है। ट्विटर पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि गलवान में सैनिकों की क्षति परेशान करने वाली और दर्दनाक है। हमारे सैनिकों ने अनुकरणीय साहस और वीरता का प्रदर्शन किया और भारतीय सेना की सर्वोच्च परंपराओं में अपने जीवन का बलिदान दिया।
बता दें कि इस झड़प में चीनी सेना के एक कमांडर की भी मौत की खबर है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, झड़प में मारे गए कमांडर के शव को बीजिंग में स्थित मिलिटरी हॉस्पिटल ले जाया गया है। गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात को चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के कुल 20 सैनिक शहीद हो गए। इस झड़प में चीन को भी काफी नुकसान हुआ है और उसके 43 सैनिक हताहत बताए जा रहे हैं।