![Indian Army Punjab regiment soldiers protesting with farmers viral video army says fake news क्या कि](https://static.indiatv.in/khabar-global/images/new-lazy-big-min.jpg)
नई दिल्ली. दिल्ली की सीमाओं के साथ-साथ देश के कई हिस्सों में कृषि संगठनों के लोग केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। इन प्रदर्शनों से जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इस वीडियो को लेकर तमाम तरह के दावे किए जा रहे हैं। कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि भारतीय सेना की एक रेजीमेंट के ये जवान प्रदर्शनकारी किसानों का समर्थन कर रहे हैं। ऐसे दावों के बीच भारतीय सेना के इस वीडियो से जुड़ा सच बताया है।
भारतीय सेना के अधिकारियों ने बताया कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें भारतीय सेना के जवान एक तंबू के नीचे आम नागरिकों के साथ खड़े होकर कह रहे हैं कि पंजाब रेजिमेंट के जवान कुछ किसानों के साथ विरोध कर रहे हैं। यह फेक न्यूज है। भारतीय सेना के अधिकारियों ने बताया कि यूनिट के पूर्व सैनिकों ने सेवारत कर्मियों के लिए चाय की व्यवस्था की थी जब वे एक स्थान से दूसरे स्थान पर जा रहे थे।
प्रधानमंत्री को प्रदर्शनकारी किसानों से सीधी बातचीत करनी चाहिए: सर्वजातीय सर्वखाप
सर्वजातीय सर्वखाप के राष्ट्रीय संयोजक एवं जन कल्याण मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष टेकराम कंडेला ने केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रदर्शनकारी किसानों से सीधी बातचीत करने की शनिवार को अपील की। उल्लेखनीय है कि केंद्र के विवादास्पद कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करते हुए पिछले 11 महीनों से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शनकारी किसान डेरा डाले हुए हैं।कंडेला ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हाल में हुई हिंसा में चार किसानों के मारे जाने घटना को निंदनीय बताते हुए आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार करने की भी मांग की। इस घटना में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार को प्रदर्शनकारी किसानों की मांग पर ध्यान देते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर तुरंत एक कानून बनाना चाहिए।