नयी दिल्ली: भारतीय थल सेना ने जम्मू कश्मीर में पिछले साल रणनीतिक अभियानों के तहत और नियंत्रण रेखा (LoC) पर सीमा पार से होने वाली गोलीबारी का जवाब देते हुए 138 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया। सरकारी खुफिया सूत्रों ने आज यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि भारतीय थल सेना ने इसी अवधि में नियंत्रण रेखा पर अपने 28 सैनिकों को भी खोया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना आमतौर पर अपने सैनिकों के मारे जाने की बात कबूल नहीं करती और कई मामलों में उन्हें हताहत नागरिकों के तौर पर पेश करती है।
भारतीय सेना ने पिछले एक साल में जम्मू कश्मीर में संघर्षविराम उल्लंघन और आतंकी हरकतों से निपटने लिए एक सख्त रुख अख्तियार किया है। खुफिया सूत्रों ने पीटीआई-भाषा को बताया कि साल 2017 में रणनीतिक अभियानों और एलओसी पर सीमा पार से हुई गोलीबारी की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना के 138 सैनिक मारे गए और उसके 155 सैन्यकर्मी घायल हुए। सीमा पार से गोलीबारी और अन्य घटनाओं में कुल 70 भारतीय सैन्यकर्मी घायल हुए।
पाकिस्तान को नुकसान पहुंचने के बारे में पूछे जाने पर भारतीय सेना ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। हालांकि सेना प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने कहा कि भारत ने पाकिस्तानी सेना के सभी संघर्ष विराम उल्लंघनों का प्रभावी तरीके से जवाब दिया और ऐसा करना जारी रखा जाएगा। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक साल 2017 में पाकिस्तानी सैनिकों ने संघर्षविराम उल्लंघन की 860 घटनाओं को अंजाम दिया जबकि 2016 में यह 221 थी।
सूत्रों ने बताया कि ऐसा लगता है कि पाकिस्तानी थल सेना की यह नीति है कि अपने कर्मियों के मारे जाने की बात कबूल नहीं करनी है। उन्होंने करगिल युद्ध का भी हवाला दिया, जब पाकिस्तान ने भारत द्वारा सबूत दिए जाने के बावजूद अपने सैनिकों के मारे जाने की बात से इनकार किया था। सूत्रों ने 25 दिसंबर की घटना का भी जिक्र किया, जब पांच सैन्य कमांडो के समूह ने नियंत्रण रेखा पार कर तीन पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया था। पाकिस्तानी थल सेना ने एक ट्वीट कर इन मौतों की पुष्टि की थी लेकिन बाद में इसे हटा दिया था।
पाकिस्तानी थल सेना के प्रवक्ता ने दो दिन बाद इन खबरों को खारिज कर दिया था कि भारतीय कमांडों ने चुनिंदा तरीके से एलओसी के पार एक चौकी को निशाना बनाया और इसके तीन सैनिकों को मार डाला। खुफिया सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना ने पिछले साल स्नाइपर फायरिंग में 27 पाकिस्तानी सैनिकों को मार डाला, जबकि एलओसी पर पाकिस्तानी स्नाइपर की फायरिंग में तीन भारतीय सैनिकों को अपनी जान गंवानी पड़ी।
आतंकवादियों को पाकिस्तानी सेना की ओर से मिलने वाली मदद को नाकाम करने के लिए भारतीय सेना रणनीतिक अभियान चलाती है। पिछले साल मई में भारतीय सेना ने कहा था कि इसने नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तान के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की। सेना के दो सैनिकों का सिर काटे जाने के कुछ दिनों बाद यह कार्रवाई की गई थी।