नयी दिल्ली: थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने बुधवार को कहा कि भारतीय सेना लद्दाख क्षेत्र के निकट जारी सैन्य अभ्यास समेत चीनी सेना की गतिविधियों पर लगातार नजर रख रही है और पैंगोंग झील इलाकों से बलों की वापसी शुरू होने के बाद से किसी भी पक्ष ने कोई ‘‘उल्लंघन’’ नहीं किया है। जनरल नरवणे ने उम्मीद जताई कि दोनों पक्ष अन्य क्षेत्रों में भी मसलों को सुलझाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।
उन्होंने कहा कि बलों की वापसी की प्रक्रिया अब तक सौहार्दपूर्ण रही है, लेकिन भारतीय बल पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास हर प्रकार के हालात से निपटने के लिए नजर रखे हुए हैं। चीनी सेना के सैन्य अभ्यासों के बारे में पूछे जाने पर जनरल नरवणे ने कहा, ‘‘हमने प्रशिक्षण क्षेत्रों में गतिविधियां देखी हैं। यह वार्षिक अभ्यास है। वे प्रशिक्षण के लिए आए हैं। हम भी प्रशिक्षण क्षेत्रों में जाते हैं। हम उनपर लगातार नजर रखे हुए हैं। एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) के निकट हमारे बल मौजूद हैं और वे हर प्रकार की स्थिति से निपटने में सक्षम हैं।’’ थलसेना प्रमुख ने कहा कि सेना कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई में हर संभव मदद करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
आपको बता दें कि थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने पिछले महीने पूर्वी लद्दाख और सियाचिन का दौरा किया था तथा सामरिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भारत की अभियानगत तैयारियों की समीक्षा की थी। नरवणे के साथ सेना की उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी और लद्दाख आधारित फायर एंड फ्यूरी कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन भी थे। सूत्रों के मुताबिक नरवणे ने सैनिकों से बात की और दुरूह क्षेत्र, ऊंचाई तथा प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों में तैनाती के दौरान शानदार निष्ठा भाव तथा उच्च मनोबल के लिए उनकी प्रशंसा की थी। थलसेना प्रमुख को बाद में लेफ्टिनेंट जनरल मेनन ने क्षेत्र में मौजूदा सुरक्षा स्थिति और अभियानगत तैयारियों से अवगत कराया।
भारत और चीन के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख में कई जगह पर पिछले साल मई के शुरू से ही गतिरोध बना हुआ है। कई दौर की सैन्य एवं कूटनीतिक वार्ता के बाद दोनों देशों ने इस साल फरवरी में पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से अपने-अपने सैनिकों और आयुधों को पूरी तरह हटा लिया था। दोनों पक्ष अभी शेष जगहों से सैनिकों और आयुधों की वापसी पर चर्चा कर रहे हैं।
इनपुट-भाषा