सोपोर. भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य सुरक्षाबल कश्मीर घाटी में न सिर्फ लोगों की आतंकियों से हिफाजत करने के लिए हर समय मुस्तैद हैं बल्कि जरूरत के हर मौके पर भी कश्मीरवासियों की सेवा के लिए तत्पर खड़े हैं। ऐसा ही एक वाक्या सामने आया है कश्मीर के सोपोर से, जहां राफियाबाद स्थित आर्मी के दुनिवार कैंप में एक स्थानीय निवासी मजीद अहमद ने फोन कॉल कर मदद की गुहार लगाई। मजीद अहमद ने सेना से अपनी पत्नी और नवजात बच्चे को पाजलपोरा से दुनिवार शिफ्ट करने के लिए मदद मांगी। पाजलपोरा से दुनिवार की दूरी महज 3.5 किलोमीटर है लेकिन भारी बर्फबारी की वजह से ये छोटी सी दूरी तय करना बेहद मुश्किल हो गयाहै।
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मजीद अहमद की कॉल पर भारतीय सेना तुरंत हरकत में आई है और तुरंत ही मजीद की पत्नी फारिदा बेगम और उनके नवजात बच्चे की मदद के लिए निकल पड़ी। फारिदा बेगम ने बारामुला के सरकारी अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया है लेकिन रास्ते में जमी बर्फ की वजह से एंबुलेंस मंजिल तक नहीं पहुंच सकी। हालांकि ऐसे हालातों में भारतीय सेना के जवान किसी 'फरिश्ते' की तरह एक गुहार पर मदद के लिए पहुंच गए। सेना के जवानों ने मजीद अहमद की बेगम फारिदा और उनके बच्चे को अपने कंधों पर पाजलपोरा से दुनिवार रोड पहुंचाया। इस दौरान स्थानीय लोग सेना के इस रूप को देखकर काफी खुश नजर आए।
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कुपवाड़ा में गर्भवती को समय से पहुंचाया अस्पताल
ये पहला मौका नहीं है कि कश्मीर में सेना ने इस तरह स्थानीय लोगों की मदद की हो। लगातार ही सेना द्वारा लोगों की विभिन्न परिस्थियों में मदद के मामले सामने आते रहते हैं। मंगलवार को ही कुपवाड़ा में सेना की मदद से बर्फ में फंसी एक गर्भवती महिला को बचा लिया और अस्पताल तक पहुंचाया। सेना के जवान दो किलोमीटर तक घुटने तक जमी बर्फ में पैदल चल कर गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाया। कुपवाड़ा के करालपुरा में सेना के पास मंजूर अहमद शेख नामक शख्स का फोन आया। उसने सेना से सहा कि उनकी पत्नी शबनम बेगम को प्रसव पीड़ा हो रही है और उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाने की जरूरत है।पढ़ें- गरीब ब्राह्मणों की शादी के लिए 3 लाख से 50 हजार तक की मदद, जानिए क्या है शर्तें
भारी बर्फबारी और खराब मौसम के कारण, ना तो सामुदायिक स्वास्थ्य सेवा वाहन और ना ही नागरिक परिवहन उपलब्ध था। सड़क पर जमी बर्फ साफ करना भी संभव नहीं था। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, सेना के जवान एक नर्सिंग स्टाफ और चिकित्सा उपकरणों के साथ मौके पर पहुंचे। सेना के जवानों ने महिला और परिवार को घुटने पर जमी बर्फ में दो किलोमीटर तक पहुंचाया, जहां से महिला को करालपुरा अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल पहुंचने पर महिला को तुरंत चिकित्सा कर्मचारियों ने देखभाल शुरू कर दी। बच्चे के जन्म के बाद पिता सैनिकों को मिठाई बांटने ऑपरेटिंग बेस पर पहुंचे। अब तक सेना के जवानों ने कश्मीर में दो दर्जन से अधिक गर्भवती महिलाओं को बफीर्ले इलाकों से बाहर निकाला है।