नई दिल्ली: भारतीय सेना ने पहली बार अपनी महिला सैनिकों को नियंत्रण रेखा (LoC) पर तैनात किया। कश्मीर में आतंकवाद और नशे के कारोबार को रोकने के लिए उत्तरी कश्मीर में एलओसी के साथ सटे कुपवाड़ा में असम राइफल्स की महिला सैनिकों को तैनात कर दिया गया है। यहां पहली बार महिला सैनिकों की तैनाती की गई है। जबकि, सीआरपीएफ की महिला वाहिनी करीब दो दशक से तैनात है।
बताया जाता है कि पीओके से हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए आतंकवादियों ने महिलाओं का सहारा लेना शुरू कर दिया है। यही कारण है कि उत्तरी कश्मीर में सेना की वज्र डिवीजन में असम राइफल्स की महिला सैनिकों की टुकड़ी को पड़ताल चौकियों पर तैनात किया गया है। एक दस्ता एलओसी से सटे टंगडार-टीटवाल मार्ग और दूसरा साधना टॉप पर पड़ताल चौकी पर तैनात किया गया।
सेना ने महिला अफसरों को स्थायी कमीशन देने की प्रक्रिया शुरू की
भारतीय सेना ने पात्र महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इससे करीब दो हफ्ते पहले रक्षा मंत्रालय ने इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। अधिकारियों ने बताया कि सेना मुख्यालय ने महिला विशेष प्रवेश योजना (ईएसईएस) और लघु सेवा कमीशन (एसएससी) के तहत भर्ती हुईं महिला अधिकारियों से 31 अगस्त तक स्थायी कमीशन के लिए आवेदन मांगे हैं।
सेना ने एक बयान में बताया, " भारतीय सेना में महिला अधिकारियों के स्थायी कमीशन देने के संबंध में सरकार से आधिकारिक मंजूरी पत्र मिलने के बाद, सेना मुख्यालय स्थायी कमीशन देने के लिए महिला अफसरों की स्क्रीनिंग करने के वास्ते एक विशेष संख्या चयन बोर्ड आहूत करने की प्रक्रिया में है। " अधिकारियों ने बताया कि जो महिला अधिकारी डब्ल्यूएसईएस और एसएससी के जरिए सेना में शामिल हुई थी, स्थायी कमीशन देने के लिए उन पर विचार किया जा रहा है। पिछले महीने, रक्षा मंत्रालय ने सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के लिए एक आदेश जारी किया था।
एक ऐतिहासिक फैसले में शीर्ष अदालत ने फरवरी में निर्देश दिया था कि लघु सेवा योजना के तहत भर्ती सेवारत सभी महिला अफसरों को स्थायी कमीशन देने के बारे में विचार किया जाए। अधिकारियों ने बताया कि 10 विभागों में महिलाओं के लिए स्थायी कमीशन उपलब्ध कराया जा रहा है जिनमें सेना, हवाई रक्षा, सिग्नल, इंजीनियर, सेना विमानन, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं मकेनिकल इंजीनियर, सेना सेवा कोर और गुप्तचर (इंटेलिजेंस) कोर शामिल हैं। फिलहाल, सेना महिला अधिकारियों को दो शाखाओं में स्थायी कमीशन की पेशकश करती है जिनमें न्यायाधीश, महा अधिवक्ता (जीएजी) और शिक्षा शामिल है।
एसएससी के तहत, महिला अधिकारियों को शुरू में पांच साल के लिए भर्ती किया जाता है जिसे 14 साल तक के लिए बढ़ाया जा सकता है। स्थायी कमीशन के तहत वे महिला सेवानिवृत्ति की आयु तक सेवा दे सकेंगी। सेना एसएससी के तहत, हवाई रक्षा, इंजीनियरिंग, सिग्नल और सेवा विभाग में भर्ती करती है तथा वे अधिकतम 14 साल तक सेवा दे सकती हैं।
तीनों सेना (थल, वायु, नौसेना) चुनिंदा शाखाओं में महिलाओं को स्थायी कमीशन देते हैं। इनमें चिकित्सा, शिक्षा, विधि, सिग्नल, साजोसमान व इंजीनियरिंग शामिल है। वायुसेना में एसएससी के जरिए भर्ती होने वाली महिला अधिकारियों को उड़ान शाखा को छोड़कर सभी शाखाओं में स्थायी कमीशन मांगने का विकल्प होता है। नौसेना कई विभागों में महिलाओं को स्थायी कमीशन देती है, जिनमें नौसेना डिजाइनिंग, हवाई यातायात नियंत्रण, इंजीनियरिंग और विधि शामिल है।