नई दिल्ली। कृषि कानूनों को लेकर किसानों का आंदोलन लगातार 16 दिन से जारी है। किसानों ने दिल्ली के सभी बॉर्डरों को घेर रखा है। किसान आंदोलन को लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह के वीडियो वायरल हो रहे हैं। ताजा सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो सेना का बताया जा रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि दिल्ली में किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए, सेना को बुलाया गया है।
शेयर किए जा रहे वीडियो के साथ एक संदेश भी लिखा गया है जिसमें कहा गया है कि 'आज रात दिल्ली में देश की सेना प्रवेश कर रही है। दो वीडियो गाजियाबाद टोल की है और दो वीडियो टोल के बाद की हैं। जिसे भीमसेना चीफ नवाब सतपाल तंवर ने खुद रिकॉर्ड किया है। किसान आंदोलन को कुचलने के लिए मोदी सरकार ने देश की सेना को बुला लिया है।'
सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो को लेकर सरकार की फैक्ट चेक ऑर्गेनाइजेशन पीआईबी फैक्ट चेक ( PIB Fact Check ) ने इसकी जांच-पड़ताल की है। पीआईबी फैक्ट चैक ने ट्वीट कर कहा कि 'यह दावा फर्जी है। यह सैनिकों की नियमित आवाजाही का एक वीडियो है और किसान प्रदर्शन के साथ इसका कोई भी सम्बंध दुर्भावनापूर्ण और गलत है।'
किसान आंदोलन को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह के वीडियो और पोस्ट शेयर की जा रही है। नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार 16 दिन से जारी है। मालूम हो कि दिल्ली बॉर्डर पर कई दिनों से डेरा जमाए किसान अब भी डटे हुए हैं। किसान आंदोलन के जरिए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। आंदोलनकारी किसानों की आगामी 14 दिसंबर को देशभर में बीजेपी नेताओं के घेराव से लेकर जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन की योजना है। यही नहीं सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए किसान संगठनों ने 12 दिसंबर से दिल्ली की घेराबंदी बढ़ाने की चेतावनी दी है।
आप भी वायरल मैसेज का करवा सकते हैं फैक्ट चेक
पीआईबी लगातार लोगों से यह आग्रह करता रहता है कि भ्रामक खबरों को शेयर न करें। बता दें कि, सरकार से जुड़ी कोई खबर सच है या फर्जी, यह जानने के लिए PIB Fact Check की मदद ली जा सकती है। अगर आपको भी कोई ऐसा मैसेज मिलता है तो फिर उसको पीआईबी के पास फैक्ट चेक के लिए https://factcheck.pib.gov.in/ अथवा व्हाट्सएप नंबर +918799711259 या ईमेलः pibfactcheck@gmail.com पर भेज सकते हैं। यह जानकारी पीआईबी की वेबसाइट https://pib.gov.in पर भी उपलब्ध है। कोई भी व्यक्ति PIB Fact Check को संदेहात्मक खबर का स्क्रीनशॉट, ट्वीट, फेसबुक पोस्ट या यूआरएल भेजकर फैक्ट चेक करा सकता है।