नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में पुलवामा आतंकी हमले के बाद तनाव बरकरार है। इस बीच पिछले कई घंटों से पाकिस्तान लगातार सीजफायर का उल्लंघन कर रहा है। वहीं पाकिस्तान ने भारतीय वायुसेना द्वारा अंतरराष्ट्रीय सीमा के उल्लंघन का दावा किया है। पाकिस्तान ने कहा है कि भारतीय वायुसेना ने एलओसी का उल्लंघन किया है। जब पाकिस्तानी वायुसेना ने इसके खिलाफ कार्रवाई की तब भारतीय एयरक्राफ्ट वापस लौट गया। मंगलवार को पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने ट्वीट कर भारत पर यह आरोप लगाया है। पाकिस्तानी सेना के इस आरोप पर भारतीय सेना की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने ट्वीट कर भारत पर यह आरोप लगाया है। भारत पर सीमा के उल्लंघन का आरोप लगाने वाले ट्वीट के बाद गफूर ने एक और ट्वीट किया। इसमें उन्होंने लिखा है कि भारतीय वायुसेना ने मुजफ्फराबाद सेक्टर से घुसपैठ की कोशिश की थी। उन्होंने आगे लिखा है कि पाकिस्तानी सेना द्वारा ठीक समय पर प्रभावी जवाब दिया गया।
उन्होंने जानकारी दी है कि घटना में किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ है। हालांकि, भारतीय वायुसेना की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। गौरतलब है कि पुलवामा हमले के बाद दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी और बढ़ी है। इस माहौल में पाकिस्तान लगातार भारत पर युद्ध उन्माद फैलाने का आरोप लगा रहा है।
इस बीच यूरोपीय संघ (ईयू) ने पुलवामा हमले के मद्देनजर पाकिस्तान से कहा है कि वह न सिर्फ संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकी समूहों, बल्कि उन लोगों के खिलाफ भी ठोस और लगातार कार्रवाई करे जो हमलों की जिम्मेदारी ले रहे हैं। ईयू का बयान ऐसे समय आया है जब 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले के चलते परमाणु संपन्न भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है।
यूरोपीय संघ की विदेश एवं सुरक्षा नीति मामलों की उच्च प्रतिनिधि फेडेरिका मोगेरिनी ने भारत और पाकिस्तान से हमले के बाद उत्पन्न हुए तनाव को कम करने का आग्रह किया। ईयू ने यहां एक बयान में कहा कि फेडेरिका ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से रविवार को बात की और वर्तमान स्थिति पर चर्चा की। इसने कहा कि वह भारत के भी संपर्क में है।
फेडेरिका ने आतंकवाद के खिलाफ लगातार कार्रवाई किए जाने की आवश्यकता भी जताई और कहा कि न सिर्फ संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकी समूहों, बल्कि उन लोगों के खिलाफ भी ठोस और लगातार कार्रवाई किए जाने की जरूरत है जो इस तरह के हमलों को अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ की नीति हमेशा भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता को प्रोत्साहित करने की रही है।