कोलकाता: देश में सैन्य विमानों की संख्या वर्तमान के 1400 से जल्द ही बढ़कर 2000 की जाएगी जिससे सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के लिए मरम्मत कार्यो में और अवसर पैदा होंगे। यह बात वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को कही। वायुसेना के वायु अधिकारी :रखरखाव: एयर मार्शल आर के एस शेरा ने कहा कि अगले 10 से 20 वर्षों में देश के सैन्य उड्डयन क्षेत्र में विमानों की काफी आवश्यकता होगी।
उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘इससे आज हमारे पास 1400 के आसपास जो भी संख्या है वह जल्द बढ़कर 2000 हो जाएगी।’’ उन्होंने कहा कि मध्यम श्रेणी के परिवहन विमान एयरबस सी 295 को भारतीय वायुसेना में शामिल करने का कार्य जल्द शुरू होगा। उन्होंने कहा कि वायुसेना ने फ्रांस की दसाल्ट एविएशन से राफेल लड़ाकू विमानों को पहले ही शामिल कर लिया है।
वायुसेना की रखरखाव कमान का नेतृत्व करने वाले एयर मार्शल शेरा ने कहा कि इसके अलावा यूएवी, ड्रोन और विभिन्न मशीनों को सैन्य क्षेत्र में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘इन विमानों और मशीनों की मरम्मत और देखरेख की जरूरत लगातार बढ़ेगी।’’ उन्होंने कहा कि रखरखाव और मशीनों को ठीक स्थिति में रखने के लिए भारतीय सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र के लिए सामग्री, उपकरण और स्वचालित प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए काफी संभावनाएं हैं।