नई दिल्ली। देश में पिछले कुछ दिनों से कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है, लेकिन इसके साथ ठीक होने वालों की संख्या भी अब बढ़ने लगी है और साथ में सरकार की तरफ से कोरोना वायरस की टेस्टिंग को भी बढ़ाया गया है। कोरोना वायरस को लेकर अभी तक पूरी दुनिया और भारत से टेस्टिंग के जो आंकड़े निकलकर आए हैं उनके आधार पर कहा जा सकता है कि भारत में कोरोना वायरस को लेकर स्थिति दुनिया के कई बड़े देशों के मुकाबले बेहतर है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक भारत में 21 अप्रैल की सुबह तक कुल 18601 कोरोना वायरस मामले सामने आए हैं। वहीं भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के आंकड़ों को देखें तो 19 अप्रैल तक देश में कोरोना वायरस के अबतक 4,01,586 टेस्ट हो चुके हैं और अब रोजाना टेस्टिंग 25000 को पार कर चुकी है। यानि भारत में अबतक कोरोना वायरस को लेकर जितनी भी टेस्टिंग हुई है उसमें लगभग 4.6 प्रतिशत लोग कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए गए हैं।
भारत की तुलना अगर दुनिया के अन्य देशों से करें तो भारत काफी बेहतर स्थिति में आता है। अमेरिका में 40 लाख से ज्यादा कोरोना वायरस टेस्ट हो चुके हैं और 7.92 लाख लोग यानि करीब 20 प्रतिशत कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। विकसित देशों में सबसे खराब हालात फ्रांस के हैं जहां पर कोरोना टेस्ट हुए लोगों में 33 प्रतिशत से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इसी तरह स्पेन में 21.5 प्रतिशत, इटली में करीब 13 प्रतिशत, जर्मनी में 8.5 प्रतिशत और ब्रिटेन में लगभग 25 प्रतिशत लोगो कोरोना टेस्ट के बाद पॉजिटिव पाए गए हैं।
इस मामले में भारत के मुकाबले अगर किसी का रिकॉर्ड अच्छा है तो वह दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया हैं। दक्षिण कोरिया में करीब 5.71 लोगों के कोरोना टेस्ट हुए हैं और उनमें से 10683 यानि लगभग 1.9 प्रतिशत ही कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं वहीं ऑस्ट्रेलिया में 1.52 प्रतिशत लोग टेस्ट के बाद पॉजिटिव मिले हैं।