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पुलवामा हमला: भारत ने पाकिस्तान से छीना 'मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा', समझें इसका मतलब

भारत ने सख्त कदम उठाते हुए पाकिस्तान से व्यापार में 'सबसे तरजीही राष्ट्र (एमएफएन)' का दर्जा वापस ले लिया है। इस कदम से पाकिस्तान द्वारा भारत को किए जाने वाले 48.8 करोड़ डॉलर के सामान के के निर्यात पर असर पड़ सकता है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : February 15, 2019 22:01 IST
India withdraws MFN status to Pakistan
India withdraws MFN status to Pakistan
नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में बृहस्पतिवार को जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों की बस को टक्कर मार दी, जिसमें  41 जवान शहीद हो गए। इस आतंकी हमले के बाद भारत ने सख्त कदम उठाते हुए पाकिस्तान से व्यापार में 'सबसे तरजीही राष्ट्र (एमएफएन)' का दर्जा वापस ले लिया है। इस कदम से पाकिस्तान द्वारा भारत को किए जाने वाले 48.8 करोड़ डॉलर के सामान के के निर्यात पर असर पड़ सकता है। तरजीही राष्ट्र का दर्जा वापस लेने के बाद भारत, पाकिस्तान से आने वाली वस्तुओं पर सीमा शुल्क बढ़ा सकेगा। पाकिस्तान से जो चीजें आयात की जाती हैं, उनमें मुख्य रूप से फल, सीमेंट, पेट्रोलियम उत्पाद, खनिज संसाधन, लौह अयस्क और तैयार चमड़ा शामिल है। सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि पाकिस्तान का सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र यानी मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन) का दर्जा वापस ले लिया गया है।
 
क्यों मिलता है MFN स्टेटस?
 
भारत ने पाकिस्तान को 1996 में यह दर्जा दिया था, लेकिन पाकिस्तान की ओर से भारत को ऐसा कोई दर्जा नहीं दिया गया। व्यापार एवं शुल्क पर विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के आम समझौते (जीएटीटी) के तहत एमएफएन का दर्जा दिया गया था। भारत और पाकिस्तान दोनों ने इस पर हस्ताक्षर किए थे और दोनों डब्ल्यूटीओ के सदस्य हैं। तरजीही राष्ट्र समझौते के तहत, डब्लयूटीओ के सदस्य देश अन्य व्यापारिक देशों के साथ गैर-भेदभावपूर्ण तरीके का व्यापार करने के लिए बाध्य है। खासकर सीमाशुल्क और अन्य शुल्कों के मामले में। इस दर्जे को वापस लेने का अर्थ है कि भारत अब पाकिस्तान से आने वाली वस्तुओं पर किसी भी स्तर तक सीमा शुल्क को बढ़ा सकता है। भारत मुख्य रूप से पाकिस्तान को कच्चा कपास, सूती धागे, डाई, रसायन, प्लास्टिक का निर्यात करता है।
 
MFN स्टेटस से क्या फायदा? 
 
जिन देशों को एमएफएन का दर्जा दिया जाता है, उन्हें व्यापार में बाकियों के मुकाबले कम शुल्क, ज्यादा व्यापारिक सहूलियतें और उच्चतम आयात कोटा की सुविधा दी जाती है। व्यापार विशेषज्ञों ने कहा कि इस फैसले का देश के द्विपक्षीय व्यापार पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि दोनों देशों के बीच का कारोबार सालाना तीन अरब डॉलर से भी कम का है। निर्यातकों के शीर्ष संगठन फियो के अध्यक्ष गणेश कुमार गुप्ता ने सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इस फैसले का असर पाकिस्तान के उन उद्योगों पर पड़ेगा, जो कि भारत में निर्यात कर रहे हैं।
 
पाकिस्तान को होगा नुकसान
 
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान से सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र (एमएफएन) का दर्जा वापस लेने के भारत के फैसले से पड़ोसी देश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा जो पहले से ‘गहरे संकट’ में है। पुलवामा पर आतंकवादी हमले के बाद भारत ने शुक्रवार को पाकिस्तान को दिया गया एमएफएन का दर्जा वापस ले लिया। कुमार ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘पाकिस्तान को दिया गया एमएफएन का दर्जा वापस लेने के निर्णय का उसकी अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा जो पहले से ‘गहरे संकट’ में है।’’  उन्होंने कहा, ‘‘ दूसरी तरफ भारत का निर्यात पाकिस्तान के बाजार पर बहुत कम निर्भर है और इसे सफलतापूर्वक पश्चिम एशिया के बाजारों में स्थानांतरित किया जा सकता है। कुमार ने आगे कहा कि भारत का बड़ा बाजार अब पाकिस्तान के निर्यात के लिये बंद होगा। नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा, ‘‘कश्मीर में अत्यंत उकसावे वाली कार्रवाई के बाद भारत एमएफएन का दर्जा वापस लेने के लिये बाध्य हुआ है।’’

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