बॉर्डर पर कौन से रूट से होती है तस्करी?
रूट नंबर-1: पाइप के जरिए तस्करी
रूट नंबर-2: फेंसिंग से ऊपर फेंककर तस्करी
रूट नंबर-3: बॉर्डर पर सुरंग बनाकर तस्करी
रूट नंबर 4: नहर और नाले के रास्ते तस्करी
कैसे होती है ड्रग्स की तस्करी?
सुरक्षा में तैनात BSF के जवानों की आंखों में धूल झोंकने के लिए तस्कर सीक्रेट कोड का इस्तेमाल करते हैं। पहले तस्करी का वक्त और तारीख तय होती है। इसके बाद प्लान के तहत पाकिस्तान का तस्कर फेंसिंग पर तीन पत्थर मारता है, यानी ये सिग्नल होता है कि ड्रग्स तैयार है। सिग्नल मिलते ही हिंदुस्तान का हैंडलर ड्रग्स की खेप को लेकर बॉर्डर के पास खेतों में गायब हो जाता है। खासतौर पर तस्करी का ये रूट अक्टूबर और नवंबर में इस्तेमाल किया जाता है।
य़े धंधा सिर्फ मुनाफे का नहीं है बल्कि पाकिस्तान के लिए हिंदस्तान की बर्बादी का ब्लूप्रिंट है।
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