नई दिल्ली: चीन की फौज पैंगोंग झील को छोड़कर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सभी नो मैन लैंड वाले इलाकों से पीछे हटी है। लेकिन पैंगोंग झील पर चीन फौज अपने वादे के मुताबिक पीछे नहीं जा रही है। 15 जून को हुई खूनी झड़प के बाद चीन के साथ कई मीटिंग्स हुई। सोमवार को कोर कमांडर लेबल की बात हुई। हर बार ये कहा गया कि चीन पीछे हटने कौ तैयार हो गया है। चीन LAC के कई इलाकों में पीछे हटा है और भारतीय फौज भी पीछे हटी है, लेकिन पैंगोंग सो लेक के आसपास फिंगर फाइव से लेकर फिंगर 8 तक के इलाके में चाइनीज फौज वादे के मुताबिक वापस नहीं जा रही है, इसीलिए तनाव बरकरार है।
चीन पैंगोंग सो झील पर स्टेटस को बदलना चाहता है वयही वजह से कि वो अब फिंगर पांच की ऊपर वाली चोटी पर आकर बैठ गया है। भारतीय सेना की रिपोर्ट के मुताबिक इस वक्त पैंगोंग सो झील पर चीन के 6 बंकर्स में कई जवान मौजूद हैं। इन जवानों को सपोर्ट देने के लिए कॉम्बैट व्हीकल्स और आर्टिलरी गन्स को भी फिक्स किया गया है। इंडिया टीवी संवाददाता मनीष प्रसाद ने बताया कि यहां कम से कम 10 टेंट्स भी लग चुके हैं।
पैंगोंग झील पर टकराव का माहौल है और ये चीन की तरफ से जानबूझकर किया जा रहा है। असल में चीन फौज को पीछे हटाने के नाम पर भारत को LAC पर उलझाकर रखने की कोशिश कर रहा है। वहीं भारतीय सेना का इरादा अटल है औक चीन को पीछे धकेलने का रोडमैप तैयार हो चुका है। यह काम कम से कम तीन फेज में होगा।
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सबसे पहले चाइनीज आर्मी के सैनिकों को हटाया जाएगा और उनकी संख्या को चीन कम करेगा और पीछे की तरफ़ भेजेगा।दूसरे लेवल पर चीन अपनी आर्टिलरी गन और आर्म्ड टैक्ं को पीछे करेगा। तीसरे लेवल पर चीन अपने जवानों की पूरी तादाद हटाते हुए अप्रैल 2020 के स्टेटस क्यो को मानेगा। और फिर जो बंकर्स और फॉर्वर्ड लोकेशन पर टेंट के साथ ही जो कंस्ट्रक्शन चीन ने किया है, उसे हटाएगा।