नई दिल्ली: विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने इंडिया टीवी को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा कि हमने देश को गुमराह नहीं किया बल्कि इराक में लोगों का पता लगाने की पूरी कोशिश की। जनरल वीके सिंह ने अपने इंटरव्यू में कहा कि इराक में हालात खराब होते ही वहां मौजूद भारतीयों को निकलने के लिए कहा गया था। इन लोगों के बारे में यह पता नहीं था कि किस एजेंट के जरिए इराक गए थे। दूतावास में उनका कोई रिकॉर्ड नहीं था। जब हालात खराब हुए तो हमने सबसे कहा कि वहां से निकलिए। इससे पहले कुछ नर्सें भी थी जिन्होंने पहले तो कहा कि हालात ठीक है लेकिन जब हालात खराब हुए तो फिर बाद में वहां से निकालने की गुहार की और सरकार ने पूरी मदद की। लेकिन इन लोगों के बारे में तब पता चला जब उनलोगों के बीच से मसीह नामक युवक बच कर आया और विदेश मंत्री जी से बात की और खुद को निकालने की गुहार की। उसने 39 लोगों के मारे जाने की बात कही।
जनरल वीके सिंह ने बताया कि आईएस के कब्जे के बाद हमारा मौसुल से किसी तरह का संपर्क नहीं पा रहा था। पूरा इलाका अलग-थलग पड़ चुका था। जिस दिन मोसुल आईएस के कब्जे से आजाद हुआ उसके अगले दिन मैं वहां रवाना हुआ। कुर्दिश लड़ाकों की मदद से इरबिल गया और वहां से बोदुश शहर के पास पहुंचा। लेकिन वहां पर लड़ाई जारी थी इसलिए आगे जाने की इजाजत नहीं मिली। बाद के दौरे में हम एक टीले तक पहुंचे और ऐसा लगा कि हो सकता है कुछ बॉडी टीले के अंदर हो। फिर रडार की मदद ली गई और बाद में मिले डेड बॉडी की DNA जांच के बाद पता चला कि वे सभी भारतीय थे। विदेश राज्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने लापता लोगों को खोजने की अपनी तरफ से पूरी कोशिश की।