Friday, November 22, 2024
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सुप्रीम कोर्ट के कोरोना मरीजों की बदहाली मामले पर संज्ञान लेने का इंडिया टीवी के एडिटर-इन-चीफ ने जताया आभार

अस्पतालों में कोरोना मरीजों की बदहाली और शवों के साथ अनुचित प्रबंधन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के स्वत: संज्ञान लेने पर इंडिया टीवी के एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा ने ट्विट कर शीर्ष न्यायाल का आभार व्यक्त किया है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: June 12, 2020 14:40 IST
सुप्रीम कोर्ट के...- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV सुप्रीम कोर्ट के कोरोना मरीजों की बदहाली मामले पर संज्ञान लेने का इंडिया टीवी के एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा ने जताया आभार

नई दिल्ली। अस्पतालों में कोरोना मरीजों की बदहाली और शवों के साथ अनुचित प्रबंधन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के स्वत: संज्ञान लेने पर इंडिया टीवी के एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा ने ट्विट कर शीर्ष न्यायाल का आभार व्यक्त किया है। रजत शर्मा ने अपने ट्विट में लिखा है कि 'मैं सुप्रीम कोर्ट का आभारी हूं कि उसने एलएनजेपी हॉस्पिटल में कोरोना मरीज़ों की बदहाली पर इंडिया टीवी की रिपोर्ट को संज्ञान में लिया, कोर्ट ने #AajKiBaat में दिखायी गयी मरीजों की बदहाली की तस्वीरों को भयानक बताया है, मुझे उम्मीद है इससे हॉस्पिटल के हालात सुधारने में मदद मिलेगी।'

सुप्रीम कोर्ट ने 10 जून को 'आज की बात' कार्यक्रम में दिखाए वीडिया का किया जिक्र

गौरतलब कि, 10 जून को इंडिया टीवी ने अपने 'आज की बात' कार्यक्रम में दिल्ली के LNJP अस्पताल में कोरोना मरीजों की बदहाली और शवों के साथ अनुचित प्रबंधन को लेकर खास रिपोर्ट दिखायी थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 11 जून (गुरुवार) को मामले का स्वत: संज्ञान लिया और आज (12 जून, शुक्रवार) को सुनवाई के दौरान इंडिया टीवी के 10 जून के 'आज की बात' कार्यक्रम में दिखाए वीडियो का जिक्र करते हुए कहा कि हमने इंडिया टीवी पर अस्पतालों की खौफनाक तस्वीरें देखी हैं। इंडिया टीवी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए मामले में सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अशोक भूषण ने कहा कि वॉर्ड  के अलावा लॉबी, वेटिंग एरिया में लाशें थीं। मरीजों को ऑक्सीजन नहीं मिल रही थी। मरीजों के पास सलाइन ड्रिप भी नहीं थे। ये हालात 2000 बेड वाले LNJP अस्पताल की है। शवों के साथ दुखद बर्ताव को भी दिखाया गया। 

दिल्ली में टेस्ट में कमी क्यों की गई- जस्टिस संजय किशन कौल

न्यायमूर्ति एमआर शाह ने कहा कि अस्पतलाों के अंदर हालात बदतर हैं। इंसानों की हालत जानवरों से भी ज्यादा खराब है। मरीजों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। मरीजों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर और बेड होने चाहिए। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल ने सुनवाई के दौरान कहा कि दिल्ली के असपतालों में हालात बदतर हैं। वॉर्ड में शव पड़े हैं हमें लोगों की चिंता है। दिल्ली में टेस्ट में कमी क्यों की गई? दिल्ली में हालात बहुत खराब हो चुके हैं। हालांकि, मामले की अगली सुनवाई बुधवार (17 जून) को होगी। साथ ही कोर्ट ने LNJP अस्पताल को नोटिस जारी किया है और दिल्ली सरकार समेत ने जवाब मांगा है।  सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली सरकार के साथ-साथ महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु सरकार से भी जवाब मांगा है। 

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