नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जारी जंग के बीच इंडिया टीवी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन से महामारी और इसके इलाज से संबंधित कुछ सवाल पूछे, जिनका डब्ल्यूएचओ के कार्यकारी निदेशक ने खुद जवाब दिया। बुधवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा आयोजित कोविड-19 पर ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में इंडिया टीवी डिजीटल के पत्रकार सिद्धांत ममतानी ने सवाल पूछा कि भारत दुनिया में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के मामले में 11वें स्थान पर आ गया है। देश में कोरोना वारयस के मामले 1 लाख को पार कर गए हैं। आप भारत के इस ग्राफ को कहां जाता देख रहे हैं और क्या आपको लगता है कि भारत ने इस महामारी को फैलने से रोकने के लिए जो कदम उठाए हैं क्या वह पर्याप्त हैं। दूसरा सवाल था कि कोवडि-19 के लिए प्रभावी दवा या टीका खोजने के लिए पूरी दुनिया में शोध और परीक्षण चल रहे हैं। हाल ही में इसमें और तेजी आई है। किसी भी नए टीके को बनाने का सामान्य समय काफी लंबा होता है, ऐसे में क्या तेजी से और कम समय में दवा या टीके का निर्माण करना सुरक्षित होगा? हम किसी भी साइड इफेक्ट्स के मुद्दे से कैपे निपटेंगे?
इंडिया टीवी द्वारा पूछे गए सवालों का विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यकारी निदेशक डा. माइकल जे रेयान और डा. मारिया वैन केरहोव ने जवाब दिया।
डा. माइकल जे रेयान ने सबसे पहले चक्रवात अम्फान के लिए भारत और बांग्लादेश के लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की। इसके बाद उन्होंने कहा कि भारत आर्थिक और सामाजिक दायित्वों के साथ कोरोनावायरस के खिलाफ निरंतर बेहतर काम कर रहा है। भारत की स्थिति क्या होगी इसके बारे में अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगा। हम भारत को वैज्ञानिक और तकनीकी जानकारी नई दिल्ली स्थित अपने क्षेत्रीय कार्यालय के जरिये निरंतर उपलब्ध करवा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उच्च गुणवत्ता वाले टीके के लिए हम भारत पर निर्भर हैं, जिसे पूरी दुनिया को उपलब्ध कराया जाएगा। भारत के पास टीका बनाने की मजबूत क्षमता है। वैक्सीन निर्माण पर उन्होंने कहा कि सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा और इसके लिए कोई शॉर्टकट नहीं अपनाया जाएगा। हम तेजी से आगे बढ़ना चाहते हैं तक लेकिन जितना संभव होगा उतनी कुशलता से आगे बढ़ेंगे।
डा. मारिया वैन केरहोव ने कहा कि वैक्सीन के निर्माण में कई कदम उठाए जा रहे हैं। हम यह सुनिश्चित किया है कि टीका या दवा बनाने की विधि कुशल और मजबूत रहें। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जब हमारे पास वैक्सीन हो तो यह एक समान रूप से सभी की पहुंच में हो।
वर्तमान में संभावित वैक्सीन उम्मीदवारों की मैपिंग की गई है। इसके लिए 120 से अधिक उम्मीदवारों का चयन किया गया है। कुछ वैक्सीन क्लीनिकल परीक्षण (मानवीय परीक्षण) के दौर में हैं। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह फिट हैं और सुरक्षित रहने के लिए सभी मापदंडों को पूरा करते हैं। तेजी से काम करने का यह मतलब कतई नहीं है कि किसी चरण को छोड़ दिया जाए। उन्होंने कहा कि उत्पादन क्षमता महत्वपूर्ण होगी।