नई दिल्ली: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गुरुवार को कहा कि छह सितंबर को नई दिल्ली में अमेरिका के साथ होने वाले मंत्रिस्तरीय वार्ता में भारत एच-1 बी वीजा में बदलाव के मामले को उठाएगा। सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में कहा, "हम पहले से ही विभिन्न मंचों पर औपचारिक तरीके से मामले को उठा रहे हैं।
एच-1 बी वीजा मामले को छह दिसंबर होने वाली बैठक में उठाया जाएगा
हम व्हाइट हाउस, अमेरिकी प्रशासन और कांग्रेस (अमेरिकी विधानमंडल का सदन) के सदस्यों से बातचीत कर रहे हैं। हम विनम्रतापूर्वक इस मामले को छह दिसंबर को नई दिल्ली में होने वाले मंत्रिस्तरीय वार्ता में रखेंगे।" सुषमा स्वराज ने कहा कि हालांकि अब तक एच-1 बी वीसा नीति में अमेरिका ने कोई बड़ा परिवर्तन नहीं किया है लेकिन वीसा नियमों को सख्त बनाने को लेकर अमेरिका में मौजूद मनोभाव भारत सरकार, विपक्षी सदस्य और पूरे सदन के लिए चिंता का कारण है।
वीजा की संख्या बढ़कर हुई 1,29,000, आगे वीजा में हो सकती है कटौती
मंत्री ने कहा कि दरअसल, वीसा की संख्या जो 2014 में 1,08,000 थी वह 2018 में बढ़कर 1,29,000 हो गई है। उन्होंने कहा, "लेकिन, आशंका बनी है कि वीजा की संख्या में कटौती हो सकती है या इसके नियमों को अधिक सख्त बनाया जा सकता है। लेकिन हम अपनी पुरजोर कोशिश कर रहे हैं कि ऐसा न हो। मैंने अपने समकक्ष रेक्स टिलरसन के पास इस मसला को उठाया है। वित्तमंत्री ने अमेरिकी व्यापार व वाणिज्य मंत्री से बात की है। हाल ही में हमारे वाणिज्य मंत्री ने भी इस मसले को उठाया।"
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा एच-1 बी वीजा के नियमों को सख्त बनाया गया
ट्रंप प्रशासन फरवरी में नई वीजा नीति लेकर आई जिसके तहत एच-1बी वीजा जारी करने के नियमों को सख्त बनाया गया है। नई नीति के अनुसार, नियोक्ता कंपनी को यह साबित करना होगा कि उनके एच-1बी वीजा धारी कर्मी के पास तीसरा पक्ष कार्यस्थल में विनिर्दिष्ट व विशिष्ट पेशा में गैर-योग्यता के कल्पित कार्यभार है। भारत और अमेरिका के बीच होने वाले मंत्रिस्तरीय वार्ता में दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्री शामिल होंगे जहां वे दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंध को आगे बढ़ाने की दिशा में बातचीत करेंगे। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस इस वार्ता में हिस्सा लेंगे।