नयी दिल्ली: भारत अगले महीने रूस में आयोजित होने वाले एक बहुपक्षीय युद्धाभ्यास में अपनी तीनों सेनाओं की एक टुकड़ी भेजेगा। यह कोरोना वायरस महामारी सामने आने के बाद किसी विशाल सैन्याभ्यास में देश की इस तरह की पहली भागीदारी होगी। यह सैन्याभ्यास ऐसे समय में हो रहा है जब चीन के साथ सीमा पर तनाव जारी है। ऐसे में भारत इसमें भाग लेकर चीन को भी संदेश देने की कोशिश करेगा। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कावकाज 2020 रणनीतिक कमांड-पोस्ट अभ्यास में चीन, पाकिस्तान तथा शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के अन्य सदस्य राष्ट्र भाग ले सकते हैं।
सूत्रों ने बताया कि 15 से 26 सितंबर तक दक्षिण रूस के अस्त्राखन इलाके में आयोजित होने वाले सैन्याभ्यास में भाग लेने वाले भारतीय दल में सेना के करीब 150 जवान, भारतीय वायु सेना के 45 कर्मी और कई नौसैनिक अधिकारी भाग लेंगे।
भारत के तीनों सेनाओं के एक दल ने जून में मॉस्को में ऐतिहासिक रेड स्कवायर पर विक्ट्री डे परेड में हिस्सा लिया था जिसे द्वितीय विश्व युद्ध में नाजी जर्मनी पर सोवियत संघ की जीत की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित किया गया था। इसमें चीन की एक टुकड़ी ने भी भाग लिया था। रूस में होने वाले युद्धाभ्यास का निमंत्रण ऐसे समय में आया है जब भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में सीमा पर तनावपूर्ण स्थिति है। एससीओ में भारत और चीन दोनों ही सदस्य हैं।