नयी दिल्ली: रणनीतिक हितों को बढ़ावा देते हुए केंद्र अरूणाचल प्रदेश में भारत-चीन सीमा पर स्थित तवांग जिले को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने की व्यवहारिकता खंगाल रहा है। केंद्र ने रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री तथा अरूणाचल पश्चिम सीट से सांसद किरण रिजीजू को इस सुदूर क्षेत्र में रेल नेटवर्क की व्यवहारिकता खंगालने को कहा है। दोनों ही मंत्री तवांग को भालुकपोंग से जोड़ने की व्यवहारिकता का अध्ययन करने के लिए शनिवार को अरूणाचल जायेंगे।
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भालुकपोंग असम अरूणाचल प्रदेश सीमा पर भारतीय रेलवे का अंतिम स्टेशन है। सिन्हा और रिजीजू भालुकपोंग और तवांग के बीच नयी ब्रोड ग्रेज लाइन पर अंतिम सर्वेक्षण शुरू करने के लिए एक अप्रैल को अरूणाचल प्रदेश जायेंगे। दोनों स्थानों के बीच 378 किलोमीटर की दूरी है। असम के गुवाहाटी से तवांग तक रास्ते से जाने में 18 घंटे लगते हैं। गुवाहाटी सबसे निकटतम बड़ा शहर है तथा तवांग के नागरिकों को मेडिकल आपात स्थिति के लिए गुवाहाटी पर आश्रित रहते हैं।
तवांग भारत के लिए रणनीतिक रूप से बहुत अहम है। यह भारत चीन बॉर्डर पर स्थित है। चीन इस पर अपना दावा जताता रहा है। चीन अरुणाचल प्रदेश को तिब्बत का हिस्सा बताता है और किसी बड़े भारतीय नेता, अधिकारी या राजदूतों के दौरे पर आपत्ति जताता रहा है। हाल ही में उसने दलाई लामा की अरुणाचल यात्रा का भी विरोध किया है। भारत ने हर बार चीन के दावे को खारिज किया है।