नयी दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि सरकार का लक्ष्य 2030 तक 10,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का है और इस दिशा में योगदान देने वाला रक्षा क्षेत्र एक अहम क्षेत्र है। सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मेनुफेक्चर्स (एसआईडीएम) की सालाना आम बैठक में सिंह ने कहा कि कई कारणों से भारतीय रक्षा उद्योग अतीत में अपनी पूर्ण क्षमता का प्रदर्शन नहीं कर पाया।
उन्होंने कहा कि इस वजह से देश आयात किए गए हथियारों पर निर्भर हो गया। इस बैठक का विषय ‘ मेक इन इंडिया: 26 अरब डालर के रक्षा उद्योग की ओर अग्रसर’ था। रक्षा मंत्री ने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत मौजूदा स्थिति को बदलने के लिए कई कदम उठाए गए हैं ताकि भारत विश्व में न सिर्फ हथियारों का बड़ा निर्माता बने बल्कि रक्षा निर्यातक भी बने।
उन्होंने कहा कि भारत का जिस तरह का आकार है और दुनिया में जैसी उसकी प्रतिष्ठा है, उसे देखते हुए भारत संप्रभुत्ता की रक्षा और विदेश नीति के लिए आयात किए गए हथियारों पर भरोसा नहीं कर सकता है। सिंह ने कहा कि रक्षा क्षेत्र को 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत सबसे प्रमुख क्षेत्रों में से एक के रूप में पहचाना गया है।
उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था का मौजूदा आकार करीब 2700 अरब डॉलर है और हमारा मकसद इसे 2024 तक 5,000 अरब डॉलर और 2030 तक अर्थव्यवस्था को 10,000 अरब डॉलर का बनाना है। रक्षा मंत्री ने कहा कि इस प्रगति में योगदान के लिए अर्थव्यवस्था के कई क्षेत्रों की पहचान की गई है जिसमें ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत रक्षा क्षेत्र को सबसे प्रतिष्ठित क्षेत्रों में से एक के तौर पर चिन्हित किया गया है।