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तालिबान के साथ आगे भी बैठक करेंगे भारतीय अधिकारी? विदेश मंत्रालय ने दिया ये जवाब

विदेश मंत्रालय ने अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर कहा कि हमारा जोर इस बात पर है कि अफगान भूमि का उपयोग भारत के खिलाफ किसी आतंकवादी गतिविधियों के लिए नहीं होना चाहिए। क्या भारत तालिबान के साथ और बैठकें करेगा, इस संबंध में विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस बारे में साझा करने के लिए मेरे पास कोई नयी जानकारी नहीं है, अंदाजा लगाना नहीं चाहता।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: September 02, 2021 18:42 IST
MEA Spokesperson Arindam Bagchi- India TV Hindi
Image Source : ANI MEA Spokesperson Arindam Bagchi

नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को तालिबान के साथ भारत के रिश्ते और बैठकों को लेकर स्थिति साफ कर दी है। अरिंदम बागची ने कहा कि अफगानिस्तान में किस तरह की सरकार बन सकती है इसके बारे में हमें कोई विस्तार से जानकारी नहीं है। तालिबान के साथ बैठक के बारे में मेरे पास कोई अपडेट नहीं है। तालिबान के साथ आगे की बैठकों के रोडमैप पर अरिंदम बागची ने कहा कि यह हां और ना की बात नहीं है। हमारा उद्देश्य है कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी भी तरह की आतंकी गतिविधि के लिए न हो। 

अफगान भूमि का उपयोग भारत के खिलाफ किसी आतंकवादी गतिविधियों के लिए नहीं होना चाहिए- विदेश मंत्रालय

विदेश मंत्रालय ने अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर कहा कि हमारा जोर इस बात पर है कि अफगान भूमि का उपयोग भारत के खिलाफ किसी आतंकवादी गतिविधियों के लिए नहीं होना चाहिए। क्या भारत तालिबान के साथ और बैठकें करेगा, इस संबंध में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि इस बारे में साझा करने के लिए मेरे पास कोई नयी जानकारी नहीं है, अंदाजा लगाना नहीं चाहता।

अधिकांश भारतीयों ने अफगानिस्तान छोड़ दिया है- अरिंदम बागची

अफगानिस्तान से बाकी भारतीयों को वापस लाने के मुद्दे पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि एक बार काबुल हवाई अड्डे पर परिचालन शुरू हो जाए तो हम इस मुद्दे पर दोबारा गौर कर सकेंगे। अफगानिस्तान से शेष भारतीयों को वापस लाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि काबुल हवाईअड्डे पर परिचालन फिर से शुरू होने के बाद हम इस मुद्दे पर फिर से विचार कर सकेंगे। हालांकि, अधिकांश भारतीयों ने अफगानिस्तान छोड़ दिया है। बागची ने कहा कि वर्तमान में काबुल हवाई अड्डा चालू नहीं है। हवाईअड्डा सेवा फिर से शुरू होते ही हम काबुल से लोगों को निकालने के लिए अपना अभियान फिर से शुरू करेंगे। 

जानिए तालिबान भारत के बारे में क्या सोचता है

बता दें कि, इससे पहले तालिबानी प्रवक्‍ता जबीउल्‍ला मुजाहिद ने भारत को इलाके का एक अहम मुल्‍क करार देते हुए अच्‍छे रिश्‍ते बनाने की इच्‍छा जताई है। हाल ही में कश्मीर पर अपनी पहली टिप्पणी में तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा है कि पाकिस्तान और भारत को अपने सभी लंबित मुद्दों को सुलझाने के लिए एक साथ बैठना चाहिए, क्योंकि दोनों पड़ोसी हैं और उनके हित एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। 

भारत सरकार तालिबान के मामले में जल्दबाजी नहीं करना चाहती

गौरतलब है कि, भारत सरकार तालिबान के मामले में फिलहाल कुछ भी जल्दबाजी नहीं करना चाहती। यही वजह है कि भारत फिलहाल वेट एंड वॉच वाली स्थिति में है। ये भारत की सोची-समझी नीति है। भारत का स्ट्रैटजिक फायदा अफगानिस्तान के साथ दोस्ताना संबंध रखने में ही है, लेकिन इस वक्त क्षेत्रीय समीकरणों को देखते हुए भारत के लिए अपने स्ट्रैटजिक संबंध बनाए रखना मुश्किल है। साथ ही भारत इंतजार कर रहा है कि अफगानिस्तान में तालिबान किस तरह की सरकार बनाता है। 

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