नई दिल्ली: भारत ने पाकिस्तान के सिंध प्रांत में विवाह मंडप से एक हिन्दू लड़की का अपहरण होने की घटना पर कड़ा संज्ञान लेते हुए मंगलवार को पाक उच्चायोग के एक वरिष्ठ अधिकारी को तलब किया और कड़े शब्दों में आपत्ति पत्र जारी किया। इसने पाकिस्तान सरकार से यह भी कहा कि वह मामले की जांच करे और अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय सहित अपने नागरिकों की रक्षा एवं सुरक्षा तथा कल्याण सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कार्रवाई करे। भारत ने पाकिस्तान से घृणित और जघन्य अपराध के दोषियों को तुरंत न्याय के कठघरे में लाने के लिए त्वरित कदम उठाने को कहा।
इस बारे में एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘‘भारत ने पाकिस्तान उच्चायोग के एक वरिष्ठ अधिकारी को तलब किया और सिंध प्रांत के हाला शहर में 25 जनवरी को स्थानीय पुलिस की मदद से विवाह समारोह से एक हिन्दू लड़की के अपहरण पर कड़े शब्दों में आपत्ति पत्र जारी किया।’’
भारत ने सिंध प्रांत के थारपरकर में 26 जनवरी को माता रानी भटियानी मंदिर में हुई तोड़फोड़ की घटना को लेकर भी आपत्ति पत्र जारी किया। हिन्दू समुदाय के सदस्यों के अनुसार सशस्त्र लोगों ने 24 वर्षीय लड़की का उसके विवाह मंडप से अपहरण कर लिया था और उसे जबरन इस्लाम में धर्मांतरित कर एक मुस्लिम व्यक्ति से उसकी शादी करा दी गई। पड़ोसी देश में इस तरह की घटनाएं प्राय: होती रहती हैं।
सिंध के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री हरिराम किशोरी ने मंगलवार को घटना का संज्ञान लिया और पुलिस से रिपोर्ट मांगी। ऑल पाकिस्तान हिन्दू काउंसिल (एपीएचसी) ने रविवार को कहा कि भारती बाई का गत सप्ताह उसके विवाह मंडप से अपहरण कर लिया गया और उसे जबरन इस्लाम में धर्मांतरित कर शाहरुख गुल नाम के मुस्लिम व्यक्ति से उसकी शादी करा दी गई। इस बीच, गुल ने सोशल मीडिया पर दस्तावेजों की तस्वीरें पोस्ट कर दावा किया कि भारती ने दिसंबर 2019 में इस्लाम अपनाया था और बुशरा नाम ग्रहण किया था।