भुवनेश्वर: भारत ने मंगलवार को ओडिशा अपतटीय क्षेत्र से परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम स्वदेश निर्मित अग्नि -1 बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया। भारतीय सेना के सामरिक बल कमांड ने बालासोर स्थित अब्दुल कलाम द्वीप से इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आईटीआर) के लॉन्च पैड-4 से 700 किलोमीटर दूरी की मारक क्षमता वाली मिसाइल का परीक्षण किया। रक्षा सूत्रों ने बताया कि यह अग्नि-1 का 18वां संस्करण है। रक्षा सूत्रों के अनुसार, सतह से सतह पर मार करने वाली एकल चरण मिसाइल को सैन्य बलों द्वारा नियमित परीक्षण अभ्यास के तहत लॉन्च किया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, यह परीक्षण सेना द्वारा कम समय में भी इसे प्रक्षेपित करने की तैयारी की पुष्टि करता है। अग्नि -1 मिसाइल में एक विशेष नेविगेशन प्रणाली है जो यह सुनिश्चित करती है कि मिसाइल बिल्कुल सटीक तरीके से अपना निशाना भेदने में सफल हो। 15 मीटर लंबी व 12 टन वजनी अग्नि -1 एक हजार किलो तक भार ले जाने में सक्षम है।
सूत्रों ने बताया कि इस अत्याधुनिक मिसाइल का परीक्षण ‘डॉ अब्दुल कलाम द्वीप’ पर एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) के पैड 4 पर मोबाइल लॉन्चर से सुबह करीब साढ़े आठ बजे किया गया। ‘डॉ अब्दुल कलाम द्वीप’ को पहले व्हीलर आईलैंड के नाम से जाना जाता था। उन्होंने इस परीक्षण को ‘‘पूरी तरह सफल’’ करार देते हुए कहा कि परीक्षण के दौरान मिशन के सभी उद्देश्य पूरे हुए। सूत्रों ने कहा, ‘‘मिसाइल के प्रक्षेपण से लेकर उसके पूर्ण सटीकता के साथ अपने लक्षित क्षेत्र में पहुंचने तक परीक्षण के प्रक्षेप पथ पर अत्याधुनिक रडारों, टेलीमेट्री अवलोकन स्टेशनों, इलेक्ट्रो- ऑप्टिक उपकरणों और नौसेना के पोतों से नजर रखी गई।’’
उन्होंने बताया कि यह एक ठोस रॉकेट प्रणोदक प्रणाली निर्देशित मिसाइल है और यह विशेष नेविगेशन प्रणाली से युक्त है। यह प्रणाली सुनिश्चित करती है कि मिसाइल अत्यधिक सटीकता के साथ अपने लक्ष्य पर पहुंचे। सूत्रों ने बताया कि पहले ही सशस्त्र बलों में शामिल की जा चुकी इस मिसाइल ने मारक दूरी, सटीकता और घातकता के मामले में खुद को साबित किया है।
अग्नि-एक मिसाइल 1000 किलोग्राम तक का पेलोड ले जा सकती है और 700 किलोमीटर तक के लक्ष्य को भेदने में सक्षम है। अग्नि-एक को एडवांस्ड सिस्टम्स लैबोरेटरी (एएसएल) ने रक्षा अनुसंधान विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल) और अनुसंधान केंद्र इमारत (आरसीआई) के सहयोग से विकसित किया है। मिसाइल को भारत डायनामिक्स लिमिटेड, हैदराबाद ने समेकित किया है। एएसएल मिसाइल विकसित करने वाली डीआरडीओ की प्रमुख प्रयोगशाला है।
इससे पहले भारत ने बीती 18 जनवरी को परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम सतह से सतह पर मार करने वाली अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल का ओडिशा के तट से सफल परीक्षण किया था।