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ओडिशा के तट पर एक बार फिर गरजी ब्रह्मोस मिसाइल, परीक्षण सफल, रक्षामंत्री ने दी बधाई

भारत ने ओडिशा के तट पर स्थित परीक्षण रेंज से भारत और रूस के संयुक्त उपक्रम ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सोमवार को सफल परीक्षण किया...

Reported by: Bhasha
Published : May 21, 2018 15:08 IST
India successfully test fires BrahMos supersonic cruise missile from Odisha Coast | PTI
India successfully test fires BrahMos supersonic cruise missile from Odisha Coast | PTI

बालेश्वर: भारत ने ओडिशा के तट पर स्थित परीक्षण रेंज से भारत और रूस के संयुक्त उपक्रम ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सोमवार को सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण इस मिसाइल की कुछ नई विशेषताओं की पुष्टि करने के लिए किया गया है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के अधिकारियों ने बताया कि यहां नजदीक में चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण रेंज (ITR) के प्रक्षेपण पैड 3 पर मोबाइल लांचर से सुबह 10 बजकर 40 मिनट पर मिसाइल को प्रक्षेपित किया गया।

ITR के एक अधिकारी ने बताया कि यह परीक्षण DRDO और टीम ब्रह्मोस द्वारा पहली बार भारत में विकसित ‘जीवन विस्तार’ प्रोद्योगिकियों की पुष्टि करने के लिए किया गया था। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने ब्रह्मोस मिसाइल का नई प्रौद्योगिकी के साथ सफल परीक्षण करने के लिए DRDO के वैज्ञानिकों और टीम ब्रह्मोस को बधाई दी। 

निर्मला के दफ्तर ने ट्विटर पर पोस्ट किया,‘निर्मला सीतारमण ब्रह्मोस मिसाइल के जीवन विस्तार की पुष्टि करने के लिए बालेश्वर के ITR से 21 मई 2018 को सुबह 10 बजकर 40 पर सफल परीक्षण के लिए टीम ब्रह्मोस और DRDO को बधाई देती हैं। इन प्रौद्योगिकियों को पहली बार भारत में विकसित किया गया है।’ इसमें कहा गया कि सफल परीक्षण के नतीजतन भारतीय सशस्त्र बलों के भंडार में रखी मिसाइलों की जगह दूसरी मिसाइलें लाने पर आने वाली लागत में भारी बचत होगी।

DRDO के वैज्ञानिकों ने कहा कि दो चरणों वाली मिसाइल को पहले ही थल सेना और नौसेना में शामिल किया जा चुका है। इसके साथ ही वायु सेना के संस्करण का भी सफलतापूर्वक परीक्षण किया जा चुका है। इन दो चरणों वाली मिसाइलों में पहली ठोस है जबकि दूसरी रैमजेट तरल प्रणोदक है। उन्होंने बताया कि ब्रह्मोस के संस्करणों को भूमि, वायु, समुद्र और जल के अंदर से दागा जा सकता है। भारत ने पहली बार नवंबर 2017 में बंगाल की खाड़ी में सुखोई-30 MKI लड़ाकू विमान से दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया था।

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