नई दिल्ली: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में हिंदुओं के मंदिर पर हुए हमले को लेकर भारत ने कड़ा एतराज जताया है। भारत के तरफ से हिंदू मंदिर की तोड़फोड़ की घटना पर डिप्लोमेटिक चैनल के जरिए विरोध दर्ज कराया गया है। आपको बता दें कि के खैबर पख्तूनख्वा के कोहाट में मौलानाओं की अगुवाई में एक ऐतिहासिक हिंदु मंदिर को भीड़ ने पहले तहस-नहस कर डाला और फिर उसे जला दिया था। मंदिर के अंदर संत की समाधि और मूर्तियों को भी तोड़ डाला गया था।
वहीं, इस घटना के बाद हरकत में आई पुलिस ने देश की एक कट्टरवादी इस्लामी पार्टी के 26 सदस्यों को इस मामले में गिरफ्तार किया है। थाना प्रभारी रहमतुल्ला खान ने बताया कि खैबर पख्तूनख्वा में करक जिले के टेरी गांव में मंदिर पर हमले के बाद कट्टरपंथी जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम पार्टी के नेता रहमत सलाम खट्टक समेत 26 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम पार्टी (फजल उर रहमान समूह) के समर्थकों के नेतृत्व वाली भीड़ ने मंदिर के विस्तार कार्य का विरोध किया और मंदिर के पुराने ढांचे के साथ साथ नवनिर्मित निर्माण कार्य को भी ध्वस्त कर दिया। इस घटना की मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय ने निंदा की है। पाकिस्तान में मानवाधिकारों के लिए संघीय संसदीय सचिव लाल चंद मल्ही ने इस हमले की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग पाकिस्तान को बदनाम करने के लिए इस प्रकार की असामाजिक गतिविधियां कर रहे हैं, जिन्हें सरकार कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।