नई दिल्ली: देश के लोग जब खुशहाल हों तभी शासन और प्रशासन के कामकाज सार्थक और फलीभूत होते हैं लेकिन खुशहाली के मामले में भारत का ग्राफ गिरता ही जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र की वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट-2017 के अनुसार भारत में खुशहाली कम होने के कारण सूची में देश को 133वां स्थान दिया गया है। 2017 में भारत का स्थान 122वां था। इस बार की सूची पर गौर करें तो हमारे पड़ोसी देश भी खुशहाली के मामले में हमसे आगे निकल गए हैं।
भारत के पड़ोसी देशों में सबसे खुशहाल पाकिस्तान है। उसे 75वां स्थान दिया गया है। चीन को खुशहाली के मामले में 86वां स्थान दिया गया है। भूटान को 97वां, नेपाल को 101वां, बांग्लादेश को 115वां, श्रीलंका को 116वें और म्यांमार को इस सूची में 130वें स्थान पर रखा गया है। वहीं फिनलैंड दुनिया को सर्वाधिक खुशहाल देश बताया गया है जबकि समस्याग्रस्त बुरूंडी अंतिम पायदान पर है।
अध्ययन में बताया गया है कि खुशहाल स्थानीय लोगों के अलावा फिनलैंड सर्वाधिक खुशहाल आप्रवासियों का भी देश है। फिनलैंड ने156 देशों की सूची में पहला स्थान हासिल किया है। उसके बाद पिछले साल के विजेताओं नार्वे, डेनमार्क, आइसलैंड और स्विट्जरलैंड का स्थान आता है। अमेरिका और ब्रिटेन इस सूची में क्रमश: 18 वें और19 वें नंबर पर है।
ये नतीजे छह महत्वपूर्ण कारकों पर आधारित हैं। इसमें आय, स्वस्थ जीवन प्रत्याशा, सामाजिक समर्थन, स्वतंत्रता, विश्वास और उदारताको पैमाना बनाया गया है। 2016 में हुई जनगणना के मुताबिक फिनलैंड की आबादी करीब55 लाख है। इसमें से करीब तीन लाख विदेशी हैं।
ये हैं सबसे खुशहाल 10 देश
संयुक्त राष्ट की ओर से बुधवार को पेश की गयी रिपोर्ट में फिनलैंड, नॉर्वे, डेनमार्क, आइसलैंड, स्विट्जरलैंड, नीदरलैंड्स, कनाडा, न्यूजीलैंड, स्वीडन और ऑस्ट्रेलिया को सबसे अधिक खुशहाल देशों की सूची में टॉप टेन श्रेणी में रखा गया है। पिछले साल फिनलैंड पाचवें स्थान पर था।
ये हैं सबसे कम खुशहाल देश
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के सबसे कम खुशहाल देशों में ब्रूनेई, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, दक्षिण सूडान, तंजानिया, यमन, रवांडा और सीरिया आदि शामिल हैं।