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लद्दाख के पैंगोंग सो में चीनी सेना के 50 जवानों की तैनाती के प्रस्ताव को भारत ने नकारा

भारत और चीन के बीच जहां एक तरफ बातचीत चल रही है वहीं दूसरी तरफ चीन लगातार ये कोशिश कर रहा है कि वो अक्साई चीन से लेकर लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के इलाकों में अपनी तैनाती बढ़ाता रहे।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : September 19, 2020 19:54 IST
India says No to China for latter's wish to deploy 50 PLA troops near friction point in Pangong
Image Source : PTI India says No to China for latter's wish to deploy 50 PLA troops near friction point in Pangong

नई दिल्ली: भारत ने चीन को एक और झटका देते हुए उसके एक और प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। दरअसल भारत चीन के बीच जहां एक तरफ बातचीत चल रही है वहीं दूसरी तरफ चीन लगातार ये कोशिश कर रहा है कि वो अक्साई चीन से लेकर लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के इलाकों में अपनी तैनाती बढ़ाता रहे। टॉप सोर्सेज के मुताबिक चीन चाहता था कि वो स्टेटस को बदलने के बाद भी पैंगोंग सो इलाके में अपने 50 की संख्या में चाइनीज सेना के जवानों की तैनाती रखे। यही बात कोर कमांडर लेवल बातचीत में चीन की तरफ से बार बार कही गयी भारतीय सेना ने अपना रुख बिल्कुल साफ कर दिया और कह दिया की अप्रैल 2020 के स्टेटस को चीन को मानना पड़ेगा और उसको पीछे जाना चाहिए।

भारतीय सेना ने चीन को यह बिल्कुल यह साफ कर दिया है कि चीन को अपनी पुराने अप्रैल 2020 की पोजीशन पर जाना होगा और 1527 किलोमीटर की लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर शांति बहाल करनी होगी ताकि दोनों आपस में न झड़प करें।

चीन का पूरा इंटरेस्ट इस समय गिलगिट बाल्टिस्तान इलाके में है और इसी वजह से वो दौलत बेग ओल्डी से लेकर चुमार तक दवाब बनाकर जो रूट पाकिस्तान के CPEC लाइन तक जाता है उसकी दूरी कम करने में लगा है। भारत किसी भी हालात में चीन के इस प्रस्ताव को नहीं मानना चाहता है और यही वजह है कि अभी तक कोई कोर कमांडर लेवल बातचीत किसी भी नतीजे के बिना निकली।

चीन के लिए जासूसी के आरोप में पत्रकार सहित 2 अन्य गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने चीन के लिए जासूसी करने के आरोप में स्वतंत्र रूप से काम करने वाले (फ्रीलांस) पत्रकार राजीव शर्मा को गिरफ्तार किया है और अब इस मामले के संबंध में एक चीनी महिला व उसके नेपाली सहयोगी को भी हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। 

स्पेशल सेल के डीसीपी संजीव यादव ने कहा, "चीनी खुफिया विभाग ने भारत से रक्षा संबंधी संवेदनशील जानकारी पहुंचाने के एवज में पत्रकार को एक मोटी रकम दी थी। चीनी महिला और उसके नेपाली सहयोगी को शेल कंपनियों के माध्यम से पत्रकार को पैसे देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।"

आधिकारिक सेल अधिनियम के तहत सबसे पहले नई दिल्ली के पीतमपुरा इलाके में रहने वाले पत्रकार राजीव शर्मा को गिरफ्तार किया गया था और इसके बाद इन दो लोगों की गिरफ्तारी हुई है। डीसीपी ने कहा, "पत्रकार के पास से रक्षा संबंधी कुछ दस्तावेज मिले हैं।"

कई अखबारों और समाचार एजेंसी में काम कर चुके राजीव शर्मा को सोमवार गिरफ्तार किया गया और इसके अगले दिन उन्हें दिल्ली कोर्ट में पेश किया गया। उन्हें छह दिन के लिए पुलिस की हिरासत में भेज दिया गया है। गिरफ्तारी के बाद उनके ट्विटर अकाउंट को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है।

 

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