नयी दिल्ली: देश में मंगलवार तक कोविड-19 वैक्सीन की 99 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि मंगलवार को शाम सात बजे तक वैक्सीन की 37,92,737 खुराक दी गई। देर रात जारी होने वाले आंकड़ों के बाद इस संख्या में वृद्धि हो सकती है। देशव्यापी वैक्सीनेशन 16 जनवरी को शुरू हुआ था। पहले चरण में सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों को टीका दिया गया उसके बाद दो फरवरी से अग्रिम मोर्चे के कर्मियों का वैक्सीनेशन हुआ। वैक्सीनेशन का अगला चरण एक मार्च से शुरू हुआ जब पहले से किसी बीमारी से पीड़ित 45 वर्ष और इससे अधिक आयु के लोगों तथा 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को वैक्सीन दिया गया।
देश में एक मई से 18 वर्ष की आयु से अधिक के सभी लोगों को कोविड वैक्सीन दिया जा रहा है। अब वैक्सीनेशन को और बेहतर बनाने के लिए केन्द्र ने राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों से दूसरी खुराक लगाने पर ध्यान केन्द्रित करने को कहा है। केन्द्र सरकार ने अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए नए दिशानिर्देश तैयार करने के लिए राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों से भी सुझाव मांगे हैं। मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिवों और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशकों के साथ वैक्सीनेशन की प्रगति की समीक्षा की।
भूषण ने इस बात पर जोर दिया कि देश में जल्द ही वैक्सीन की एक अरब खुराक दे दी जाएंगी। उन्होंने राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों का सभी नागरिकों को वैक्सीन लगाने की दिशा में किए प्रयासों के लिए शुक्रिया अदा किया। बयान के अनुसार इस बात पर जोर दिया गया कि बड़ी संख्या में लोगों को दूसरी खुराक नहीं दी गई है। राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों को दूसरी खुराक पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। कई राज्यों के पास दूसरे वैक्सीन के लिए पर्याप्त खुराक हैं। भारत सरकार, राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों को अतिरिक्त खुराक मुहैया कराने की स्थिति में है, ताकि इस कार्य को पूरा किया जा सके। उन्होंने साथ ही वैक्सीनेशन अभियान में तेजी लाने का भी आह्वान किया।
बयान में कहा गया कि राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों को सलाह दी गई थी कि वे उन जिलों को प्राथमिकता दें, जहां वैक्सीन कम लगे हैं और अतिरिक्त कोविड-19 वैक्सीनेशन केन्द्रों की जरूरत तथा ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच में सुधार की आवश्यकता का पता लगाएं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए पिछले एक साल में मानक संचालन प्रक्रियाएं जारी की हैं। बयान में कहा गया कि गृह मंत्रालय, आप्रवासन ब्यूरो, नागर विमानन मंत्रालय और विदेश मंत्रालय सहित सभी हितधारकों के साथ विचार-विमर्श कर इन दिशानिर्देशों की समीक्षा की जा रही है। राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों को भी इस संबंध में अपने विचार साझा करने को कहा गया है।