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भारत की सुरक्षा ‘विस्तारित पड़ोस’ में भी कायम रखी जाएगी: जनरल बिपिन रावत

प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने शनिवार को कहा कि उभरते रक्षा परिदृश्य में न केवल उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर, बल्कि ‘‘विस्तारित पड़ोस’’ के रणनीतिक स्थान पर भी भारत की सुरक्षा कायम रखी जाएगी।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : September 05, 2020 23:03 IST
India's security would be maintained in 'extended neighbourhood' as well: General Bipin Rawat
Image Source : PTI India's security would be maintained in 'extended neighbourhood' as well: General Bipin Rawat

नयी दिल्ली: प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने शनिवार को कहा कि उभरते रक्षा परिदृश्य में न केवल उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर, बल्कि ‘‘विस्तारित पड़ोस’’ के रणनीतिक स्थान पर भी भारत की सुरक्षा कायम रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत अमेरिका के साथ अपने उभरते संबंधों को महत्व देता है और रूस के साथ अपने पारंपरिक संबंधों को मजबूत कर रहा है। देश इन दोनों शक्तियों के साथ एक परिपक्व और मजबूत रक्षा एवं सुरक्षा तंत्र साझा करता है। 

रक्षा निर्यात पर एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए जनरल रावत ने सैन्य संरचना में प्रस्तावित सुधारों का जिक्र करते हुए कहा कि सीडीएस और ‘थिएटर कमांडर’ ‘‘संयुक्त रूप से’’ ‘‘कमान की एकता’’ और सेवा मुख्यालय तथा ‘‘संबद्ध कमांडर’’ एकीकृत प्रयास में महत्वपूर्ण भूमिका रखते हैं। भारत सैन्य क्षेत्र में बड़े सुधार के तहत कई थिएटर कमान स्थापित करने पर काम कर रहा है जिनमें सेना के तीनों अंगों की कुछ कमानों को एकीकृत किया जाएगा जिससे कि देश के समक्ष उत्पन्न भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके। 

प्रत्येक थिएटर कमान में सेना, नौसेना और वायुसेना की इकाइयां शामिल होंगी और वे सभी किसी विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों को देखते हुए एक अभियान कमांडर के नेतृत्व में एक इकाई की तरह काम करेंगी। सरकार ने सेना के तीनों अंगों में समन्वय के लिए पिछले वर्ष 31 दिसंबर को जनरल रावत को भारत का पहला प्रमुख रक्षा अध्यक्ष नियुक्त किया था। 

रावत ने क्षेत्रीय रक्षा परिदृश्य के बारे में बात करते हुए भारत के सुरक्षा सिद्धांत के प्रमुख पहलुओं का जिक्र किया। इस संदर्भ में, उन्होंने पाकिस्तान के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) और नियंत्रण रेखा (एलओसी) और चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘‘उभरते सुरक्षा परिदृश्य में भारत की सुरक्षा न केवल आईबी, एलओसी या एलएसी पर बनाए रखी जाएगी बल्कि ‘‘विस्तारित पड़ोस’’ के रणनीतिक स्थल पर भी भारत की सुरक्षा को बनाए रखा जाएगा।’’ 

भारत पिछले कुछ साल से अपने विस्तारित पड़ोस में इंडोनेशिया, सिंगापुर और खाड़ी क्षेत्र के कई देशों जैसे कई राष्ट्रों के साथ अपने रक्षा और सुरक्षा संबंधों को मजबूत करने में लगा है। जनरल रावत ने कहा कि सीडीएस, सीओएससी (चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष) और राजनीतिक कार्यकारी (सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति) के बीच मजबूत बातचीत से एकल-बिंदु सैन्य सलाह, रणनीतिक दिशा और संसाधनों का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित होना चाहिए। 

भारतीय सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण पर, उन्होंने कहा कि यह बदलते वैश्विक सुरक्षा परिवेश और संसाधनों के पूर्ण उपयोग पर ध्यान केंद्रित करने के अनुरूप है। जनरल रावत ने कहा, ‘‘बहुआयामी प्रौद्योगिकी के इस युग में, हमें निरंतर नवाचारों और आधुनिक तकनीकी समाधानों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, ताकि खुद को शत्रुओं से आगे रखा जा सके।’’

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