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चीन बॉर्डर पर सबसे बड़ा युद्धाभ्यास, पहली बार भारत की तीनों सेनाएं होंगी साथ

सामरिक लिहाज से ये एक्सरसाइज बेहद खास माना जा रहा है। इस एक्सरसाइज के लिए भारत और रूस ने जोरदार तैयारी की है। भारत लंबे समय से रूस के हथियार और सैन्य उपकरण इस्तेमाल कर रहा है। साथ ही रूस को वैश्विकस्तर पर एकीकृत युद्ध और ऑपरेशन का लंबा अनुभव है। ऐसे

Written by: India TV News Desk
Published on: October 17, 2017 11:22 IST
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नई दिल्ली: भारत रूस के साथ साझा युद्धाभ्यास इंद्रा करने जा रहा है। यह युद्धाभ्यास चीन बॉर्डर के करीब किया जा रहा है और ये पहला मौका होगा जब तीनों सेनाएं एक साथ इस युद्धाभ्यास में शामिल होगी। इस युद्धाभ्यास को अबतक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास माना जा रहा है जो 19 से 29 अक्टूबर तक रूस में होगा। इसके लिए रूस के व्लाडिवोस्टोक शहर को चुना गया है। लेकिन यही युद्धाभ्यास चीन के गले के नीचे नहीं उतर रहा है। ड्रैगन की हताशा का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भारत-रूस ज्वाइंट आर्मी ड्रिल पर चीन ने रूस के विदेश मंत्रालय से ना केवल सवाल पूछे बल्कि अपनी चिंता भी सामने रखी हालांकि चीन के इस चिंता को रूसी विदेश मंमत्रालय ने सीरे से खारिज कर दिया।

दिल्ली से करीब 5100 किलोमीटर दूर ये एक्सरसाइज रूस के व्लाडिवोस्टोक शहर में किया जाएगा। व्लाडिवोस्टोक शहर में रूस की पैसेफिक कमान का मुख्यालय है। ये एक तटीय शहर है जो चीन और उत्तरी कोरिया के ट्राइ-जंक्शन पर है। चीन इससे कितना परेशान है इस बात का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि एक्सरसाइज शुरू होने से पहले ही वह इस पर चिंतित हैं।

चीन की न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने भारत-रूस ज्वाइंट आर्मी ड्रिल पर सवाल रूसी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मारिया जखारोवा से सवाल पूछा जिसपर उन्होंने कि हम किसी एक देश के साथ जब मिलिट्री एक्सरसाइज करते हैं तो इसका मतलब ये नहीं है कि उससे किसी दूसरे देश को खतरा है। हम सभी देशों से बेहतर रिश्ते रखना चाहते हैं। हमें नई दिल्ली और बीजिंग पर पूरा भरोसा है। दोनों ही दुनिया के जिम्मेदार देश हैं।

सामरिक लिहाज से ये एक्सरसाइज बेहद खास माना जा रहा है। इस एक्सरसाइज के लिए भारत और रूस ने जोरदार तैयारी की है। भारत लंबे समय से रूस के हथियार और सैन्य उपकरण इस्तेमाल कर रहा है। साथ ही रूस को वैश्विकस्तर पर एकीकृत युद्ध और ऑपरेशन का लंबा अनुभव है। ऐसे में ये एक्सरसाइज बेहद अहम माना जा रहा है।

थलसेना, वायुसेना और नौसेना के 880 सैनिकों को इस युद्धाभ्यास के लिए रवाना किया गया है। अकेले थलसेना के ही 450 सैनिक इस युद्धाभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं। नौसेना के दो युद्धपोत, सतपुड़ा और कदमत भी इस युद्धाभ्यास के हिस्सा हैं। वायुसेना के करीब 80 जवान हिस्सा ले रहे हैं।

इंद्रा एक्सरसाइज यूएन चार्टर के तहत की जा रही है, जिसका मकसद काउंटर-टेरेरिज्म है। अभी तक भारत इस तरह के साझा काउंटर टेरेरिज्म एक्सरसाइज के लिए थलसेना का ही इस्तेमाल करता था लेकिन अब इसमें वायुसेना और नौसेना का भी साथ लिया जा रहा है क्योंकि आईएसआईएस जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ  रूस और अमेरिका जैसे देश वायुसेना और नौसेना का भी इस्तेमाल कर रहा है।

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